AP State Syllabus AP Board 8th Class Hindi Textbook Solutions Chapter 5 धरती की आँखें Textbook Questions and Answers.
AP State Syllabus 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 धरती की आँखें
8th Class Hindi Chapter 5 धरती की आँखें Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
चित्र में क्या – क्या दिखाई दे रहा हैं?
उत्तर:
चित्र में एक चाँद कई तारे दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 2.
टिमटिमाना, चमकना जैसे शब्दों का संबंध किससे है?
उत्तर:
टिमटिमाना, चमकना जैसे शब्दों का संबंध तारे और चाँद से है।
प्रश्न 3.
इन्हें देखकर हम क्या सोचते हैं?
उत्तर:
इन्हें देखकर हम यह सोचते हैं कि ये आकाश में कैसे लटक रहे हैं। ये दिन भर कहाँ रहते हैं आदि।
सुनो – बोलो
प्रश्न 1.
पाठ में दिये गये चित्रों के बारे में बातचीत करो।
उत्तर:
पहले चित्र में एक राजा पलंग पर सो रहा है । और नाव के बारे में सोच रहा है। दूसरे चित्र में एक · कृत्रिम उपग्रह दिखाई दे रहा है। वह कृत्रिम उपग्रह एक ”डिष” के द्वारा अनुसंधान किया गया है। “डिष” के द्वारा हम दूरदर्शन में हज़ारों किलोमीटर की दूरी पर खेलने वाले क्रिकेट मैच का प्रत्यक्ष प्रसार देख सकते हैं। तीसरे चित्र में किसी मंदिर के पास उत्सव मनाया जा रहा है।
प्रश्न 2.
इस पाठ का नाम “धरती की आँखें” क्यों रखा गया होगा?
उत्तर:
इस पाठ का नाम “धरती की आँखें’ इसलिए रखा गया होगा कि हम अपने शरीर और आसपास को अपने आँखों से देख लेते हैं। इसी तरह कृत्रिम उपग्रह धरती की चक्कर काटती, आँखों के समान सब कुछ देख लेते हैं। समुद्र में होनेवाले तूफ़ान, धरती पर होनेवाले तरह – तरह के विस्फोट और मौसम को पहले ही पहचान लेते हैं। इसके साथ-साथ आनेवाले खतरों से हमें सावधान कर देते हैं।
प्रश्न 3.
दरबारी की जगह पर तुम होते तो राजा को क्या सुझाव देते?
उत्तर:
अगर दरबारी की जगह मैं होता तो मैं भी राजा को निराशा न होने को कहता और सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करता।
प्रश्न 4.
उपग्रहों को जासूस क्यों कहा गया होगा?
उत्तर:
उपग्रह धरती से संबंधित कई विषय, तथा मौसम को बहुत पहले ही पहचान लेते हैं और आने वाले खतरों से जासूस की तरह सावधान कर देते हैं। इन उपग्रहों की नज़र बडी तेज़ है । इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती । इसलिए इनसे बढ़िया जासूस कोई नहीं हो सकता ।
प्रश्न 5.
“धरती की आँखें” पाठ का सारांश अपने शब्दों में बताओ ।
उत्तर:
एक राजा था । वह नित्य नये सपने देखता था । और उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था। दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सपने सुनाकर उन्हें पूरा करने में उनकी सहायता लेता था। असफलता होने पर निराश नहीं होकर कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता था। राजा के नाव व्यापार करने समुद्र में हज़ारों मील दूर जाते थे । उसका यश फैलाते थे। इसके साथ-साथ राजा की कठिनाइयाँ भी बढ गयी थीं। कभी – कभी राजा का नाव संकट में हो तो उसे तुरंत सूचना नहीं मिल पाती और सहायता भेजने में भी विलंब होता ।
एक दिन राजा चाँदनी रात का आनंद लेते इस प्रकार सोचता है कि काश मैं चाँद तक पहुँच पाता तो मैं वहाँ, बैठकर अपने पूरे राज्य को आसानी से देख लेता | सोचते-सोचते राजा को नींद आ जाती है । वह विचित्र सपना देखता है। राजा को लगा जैसे चाँद को दो आँखें हैं | चाँद अपनी बड़ी – बडी आँखों से इधर-उधर देख रहा है और राजा से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताकर सहायता भेजने में सावधान करवाया । राजा ने सपने में ही चाँद को धन्यवाद दिया । सुबह राजा दरबारियों को सपना सुनाकर और निराश व्यक्त करता है। एक वृद्ध दरबारी ने कहा ”महाराज निराश न हो’ आपका सपना एक दिन अवश्य सच होगा”।
कुछ दिनों के बाद सभी लोग चल बसे आखिर वह दिन आ ही गया | जब राजा का सपना सचमुच सच हो गया। “आज सैकडों कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। ये सचमुच धरती की चक्कर काटती आँखों के समान सब देख लेते हैं। समुद्र में होनेवाले तूफ़ान धरती पर होनेवाले तरह – तरह के विस्फोट और मौसम को पहले ही पहचान लेते हैं और आनेवाले खतरों से सावधान कर देते हैं। अब वे हमारे लिए शिक्षक का कार्य कर रहे हैं। इन उपग्रहों की नज़र बड़ी तेज़ है। इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती । सैकडों मील की ऊँचाई से चित्र खींचते हैं।
काश आज वह राजा होता तो अपना सपना सच होते देखकर कितना खुश होता।
अ) पाठ पढ़ो | कारण बताओ ।
प्रश्न 1.
राजा के व्यवहार से सभी खुश थे, क्योंकि ……….
उत्तर:
सपना सफल होने पर उनको सम्मानित करता । असफलता पर निराश नहीं होता। बल्कि उत्साद बढ़ाता। कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता ।
प्रश्न 2.
उपग्रह सचमुच धरती की आँखें हैं, क्योंकि …………
उत्तर:
धरती की चक्कर काटती आनेवाले खतरों से हमें सावधान कर देते हैं। इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती।
प्रश्न 3.
काश ! आज वह राजा होता तो खुश होता, क्योंकि …………
उत्तर:
वह अपना सपना सच होते देख लेता ।
आ) पाठ पढ़ो। “इसलिए” शब्द का प्रयोग करते हुए वाक्य फिर से लिखो ।
जैसे – राजा के व्यवहार से सभी खुश थे।
वे राजा के लिए सब कुछ करने को तैयार थे।
राजा के व्यवहार से सभी खुश थे इसलिए वे राजा के लिए सब कुछ करने को तैयार थे।
प्रश्न 1.
चाँद ने राजा की सहायता की । राजा ने धन्यवाद दिया।
उत्तर:
चाँद ने राजा की सहायता की इसलिए राजा ने धन्यवाद दिया।
प्रश्न 2.
इन उपग्रहों की नज़र तेज़ है। इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती।
उत्तर:
इन उपग्रहों की नज़र तेज़ है इसलिए इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती।
प्रश्न 3.
वे मौसम को बहुत पहले जान लेते हैं। आनेवाले खतरों से सावधान कर देते हैं।
उत्तर:
वे मौसम को बहुत पहले जान लेते हैं इसलिए आनेवाले खतरों से सावधान कर देते हैं।
इ) नीचे दिया गया चित्र देखो । प्रश्नों के उत्तर दो।
प्रश्न 1.
बच्चे किस पर चढ़कर आसमान में जा रहे हैं?
उत्तर:
बच्चे रॉकेट पर चढ़कर आसमान में जा रहे हैं।
प्रश्न 2.
चंद्रमा को पृथ्वी का उपग्रह क्यों कहते हैं?
उत्तर:
चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है। इसलिए चंद्रमा को पृथ्वी का उपग्रह कहते हैं।
प्रश्न 3.
आसमान में उड़ने के कुछ साधन बताओ।
उत्तर:
हवाई जहाज़ और रॉकेट आसमान में उडने के साधन हैं।
ई) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखो।
प्रश्न 1.
अपने सपने पूरे करने के लिए राजा क्या करता था?
उत्तर:
अपने सपने पूरे करने के लिए राजा अपने खजाने का मुँह खोल देता था। सफल होने पर उनको सम्मानित करता था आसफलता पर निराश न होकर कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता था।
प्रश्न 2.
राजा ने एक दिन क्या सपना देखा?
उत्तर:
एक दिन राजा चांदनी रात का आनंद लेते हुए सो गया | उसने एक विचित्र सपना देखा | राजा को
लगा जैसे चाँद की दो आँखें हैं, मुँह है। चाँद अपनी बडी – बडी आँखों से इधर – उधर देख रहा है और कह रहा है देखो, वह तुम्हारा नाव चला जा रहा है। अरे ! समुद्र में तूफ़ान आनेवाला हैं। चिंता मत करो
मैं अभी तुम्हारे नाव को सूचित करता हूँ कि वह अपना मार्ग बदल लें । अरे ! तुम्हारे राज्य पर किसी • ने हमला किया है शीघ्र ही सहायता के लिए सेना भेजो | वह देखो, तुम्हारे राज्य के पूर्व में उत्सव मनाया ‘ जा रहा है। तरह – तरह के खेलों का आयोजन हो रहा है। राजा ने सपने में ही चाँद को धन्यवाद दिया।
प्रश्न 3.
उपग्रह किन – किन बातों की जानकारी देते हैं?
(या)
सच में कृत्रिम उपग्रह धरती की आँखें हैं, ये हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी हैं?
(या)
कृत्रिम उपग्रह “धरती की आँख जैसा है” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह धरती की चक्कर काटती रहती हैं। वे सब कुछ देख लेते हैं। समुद्र में उठते तूफ़ान , धरती पर होनेवाले तरह-तरह के विस्फोट, यहाँ, वहाँ चलनेवाले भयानक युद्ध तथा मौसम को बहुत पहले ही पहचान लेकर आनेवाले खतरों से सावधान कर देते हैं। अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं। पलक झपकते समय में ही संदेशों को, चित्रों को, टेलीविज़न के कार्यक्रमों को हज़ारों मील पहुंचाते हैं। आजकल वे हमारे लिये शिक्षक का भी कार्य कर रहे हैं। ये सैकडों मील की ऊँचाई से चित्र खींचते हैं और शत्रु की सैनिक तैयारियों के बारे में जानकारी देते हैं।
लिखो
अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखो।
प्रश्न 1.
राजा की जगह यदि तुम होते तो क्या करते?
उत्तर:
राजा की जगह यदि मैं होता तो मैं भी राजा की तरह सपने साकार करने के लिए प्रयत्न करता। बडे बडे वैज्ञानिकों को बुलाकर नये-नये तकनीकों को अपनाता | मेरे राज्य को बाकी राज्यों के सामने एक आदर्श राज्य की तरह रखता।
प्रश्न 2.
उपग्रहों के बारे में तुम क्या जानते हो?
उत्तर:
ग्रहों की परिक्रमा करनेवाले आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं | मानव निर्मित पहला कृत्रिम उपग्रह (स्पुतनिक-1) रूस ने 4 अक्तूबर, 1957 ई. को अतंरिक्ष में भेजा था । हर सोलह मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले इस स्पुतनिक ने दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया। भारत का पहला उपग्रह 19, अप्रैल 1975 ई. में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया । इसका नाम ‘आर्यभट्ट’ रखा गया । कृत्रिम उपग्रह रॉकेटों की सहायता से अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं। ये उपग्रह पृथ्वी से एक निश्चित ऊँचाई पर पहुंचकर पृथ्वी की परिक्रमा करने लगते हैं। परिक्रमा करनेवाले मार्ग को “उपग्रह की कक्षा” कहते हैं। संचार उपग्रह द्वारा मुख्य रूप से टेलीफ़ोन, रेडियो और टेलीविज़न संदेश धरती के एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाते हैं।
प्रश्न 3.
सपनों को सच करने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
सपनों को सच करने के लिए खूब परिश्रम करना चाहिए। आत्मविश्वास के साथ रहना चाहिए। तब हम अपने सपनों को सच कर सकते हैं।
आ) इस पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
एक राजा था । वह नित्य नये सपने देखता था और उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था । दरबार के
गुणी और बुद्धिमान लोगों को सपने सुनाकर उन्हें पूरा करने में उनकी सहायता लेता था । असफलता होने पर निराश नहीं होता था। कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता था । राजा के नाव व्यापार करते समुद्र में हज़ारों मील दूर जाते थे। उसका यश फैलाते थे। इसके साथ-साथ राजा की कठिनाइयाँ भी बढ गयी थीं। कभी-कभी राजा का नाव संकट में हो तो उसे तुरंत सूचना नहीं मिल पाती थी और सहायता भेजने में भी विलंब होता था ।
एक दिन राजा चांदनी रात का आनंद लेते इस प्रकार सोचता है कि काश मैं चाँद तक पहुँच पाता। तो मैं वहाँ बैठकर अपने पूरे राज्य को आसानी से देख लेता | सोचते-सोचते राजा को नींद आ गयी। उसने विचित्र सपना देखा | राजा को लगा जैसे चाँद की दो आँखें हैं । चाँद अपनी बड़ी-बडी आखों से इधर – उधर देख रहा है और राजा से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताकर सहायता भेजने में सावधान करवाया । राजा ने सपने में ही चाँद को धन्यवाद दिया | सुबह राजा दरबारियों को सपना सुनाया और निराश व्यक्त किया । एक वृद्ध दरबारी ने कहा “महाराज निराश न हो’ आपका सपना एक दिन अवश्य सच होगा”।
कुछ दिनों के बाद सभी लोग चल बसे आखिर वह दिन आ ही गया । जब राजा का सपना सचमुच सच हो गया। ”आज सैकडों कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। ये सचमुच धरती की चक्कर काटती आँखों के समान सब देख लेते हैं। समुद्र में होनेवाले तूफ़ान धरती पर होनेवाले तरह -तरह के विस्फोट और मौसम को पहले ही पहचान लेते हैं और आनेवाले खतरों से सावधान कर देते हैं। अब वे हमारे लिए शिक्षक का कार्य कर रहे हैं। इन उपग्रहों की नज़र बड़ी तेज़ है। इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती । सैकडों मील की ऊँचाई से चित्र खींचते हैं।
काश आज वह राजा होता तो अपना सपना सच होते देखकर कितना खुश होता ।
शब्द भंडार
अ) निम्न लिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखो। वाक्य प्रयोग करो।
1. प्रयास – श्रम ; वाक्य प्रयोग : प्रयास का फल अच्छा होता है।
2. यश – कीर्ति ; वाक्य प्रयोग : अच्छे कार्यों से ही यश मिलती है।
3. उत्सव – त्योहार ; वाक्य प्रयोग : उत्सवों से बहुत आनंद मिलता है।
4. चाँद = शशि ; वाक्य प्रयोग : पूर्णिमा के दिन चाँद की चाँदनी खूब होती है।
आ) कृत्रिम उपग्रह हमारी सहायता करते हैं। वे हमें क्या – क्या सहायता करते हैं। बताओ ।
जैसे –
मौसम : हमें मौसम की जानकारी देते हैं।
सूचना : आनेवाले खतरों की सूचना करके सावधान कर देते हैं।
खनिज : इनके द्वारा पृथ्वी पर खनिज पदार्थ की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
समाचार : आनेवाले तूफ़ान, होनेवाले तरह-तरह के विस्फ़ोट का समाचार देते हैं।
सृजनात्मक अभिव्यक्ति
पाठ में बताया गया है कि अब उपग्रह शिक्षक का भी काम कर रहे हैं। वे शिक्षक के रूप ‘ में क्या – क्या काम कर सकते हैं, सोचकर लिखो।
उत्तर:
आजकल ये उपग्रह हमारे लिए शिक्षक का भी कार्य कर रहे हैं । ये उपग्रह अंतरिक्ष में घूमते – घूमते मौसम को बहुत पहले ही पहचानकर आनेवाले खतरों से केवल किसानों को ही नहीं बल्कि सभी लोगों को सावधान कर देते हैं। पृथ्वी के बारे में अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इनके द्वारा ही पृथ्वी पर जल, खनिज पदार्थ के बारे में भी पता लगा सकते हैं। छात्रों के लिए भी शिक्षक के समान नयी -नयी बातें सिखा रहे हैं।
दूरदर्शन के माध्यम से दूर शिक्षा के अन्तर्गत पढ़ाई का काम भी चालू में है। ये सब संचार उपग्रहों के द्वारा साध्य हो रहे हैं। संचार उपग्रह द्वारा मुख्य रूप से टेलीफ़ोन, रेडियो और टेलीविज़न संदेश धरती के एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाते हैं।
प्रशंसा
चंद्रमा भूमि का उपग्रह है। इससे जुड़ी कोई कविता सुनाओ।
उत्तर:
सुंदर चाँद को बुलाएँगे
तारे संग आयेंगे,
सोने की थाली में
दूध – भात खायेंगे।
दूध – भात फीका,
चँदा हमसे रूठा,
शक्कर उसमें डालेंगे,
सुंदर मामा को मना लेंगे।
सुंदर मामा भागा आयेगा,
तारों को भी लायेगा,
मिलकर सब फिर गायेंगे,
नाच के खुशी मनायेंगे।
भाषा की बात
1. वह नित्य नये सपने देखता।
2. आपका यह सपना अवश्य सच होगा।
3. वे सब देख लेते हैं।
ऊपर दिये गये वाक्यों में वह, यह, वे शब्द संज्ञा अथवा नाम के स्थान पर आये हैं। व्याकरण की दृष्टि से ऐसे शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। मैं, हम,तू, तुम, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या आदि शब्द भी सर्वनाम के उदाहरण हैं । सर्वनाम के छह भेद हैं। वे हैं –
1. पुरुषवाचक सर्वनाम : इस सर्वनाम के तीन भेद हैं
अ) उत्तम पुरुष – यानी बोलने वाला जैसे : मैं, हम आदि।
आ) मध्यम पुरुष – यानी सुनने वाला जैसे : तू, तुम, आप आदि।
इ) अन्य पुरुष – यानी सुनने या बोलने वाले द्वारा अन्यों के लिए उपयोग में लाये जाने वाले शब्द जैसे : आम मीठा फल है। यह गर्मी के मौसम में मिलता है।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम : जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु की ओर निश्चयपूर्वक संकेत करते हैं, वे निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे: यह आम है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम : जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु की ओर संकेत नहीं करते हैं, वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे : आप कुछ खाइए।
4. संबंधवाचक सर्वनाम . : जिस सर्वनाम शब्द से अगले या पिछले उपवाक्य के संज्ञा अथवा सर्वनाम का बोध होता है, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे : जो करे सेवा, सो पावै मेवा।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम : जो सर्वनाम शब्द प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे : तुम्हारा नाम क्या है?
6. निजवाचक सर्वनाम : जो सर्वनाम शब्द अपनेपन का बोध कराते हैं, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे : रामू अपने गाँव जाता है।
अब नीचे दिये गये अनुच्छेद में से तीन सर्वनाम शब्द ढूँढो । उन शब्दों का वाक्य में प्रयोग करो।
उत्तर:
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी को जवाहरलाल नेहरू की तरह ही बच्चों से काफ़ी लगाव है । वे जहाँ भी जाते हैं, बच्चों से अवश्य मिलते हैं। उन्हें स्वप्न देखने और उसे पूरा करने का संदेश देते हैं। एक दिन कलाम जी किसी सभा को संबोधित कर बाहर निकल रहे थे, तब उनकी दृष्टि एक छोटी-सी मासूम लड़की पर पडी, जो उनके हस्ताक्षर लेना चाहती थी। जब कलाम ने उस लड़की से पूछा, “बेटी! तुम्हारा नाम क्या है? और तुम क्या चाहती हो?” तब उस लड़की ने अपना नाम बताते हुए कहा, ”मैं विकसित भारत में रहना चाहती हूँ।” लड़की के इस उत्तर से वे अत्यधिक प्रभावित हुए और ‘विज़न – 2020’ नामक पुस्तक में भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए उन्होंने अनेक सुझाव दिये।
उत्तर:
1. वे = निश्चय वाचक सर्वनाम आजकल वे मद्रास में काम कर रहे हैं।
2. क्या = प्रश्नवाचक सर्वनाम जल्दी बताओ कि सच क्या है?
3. तुम = पुरुषवाचक सर्वनाम (मध्यम पुरुष) कल तुम कहाँ जाओगे ?
परियोजना कार्य
किसी एक कृत्रिम उपग्रह का चित्र उतारो। उसके बारे में पाँच वाक्य लिखो।
उत्तर:
- रोहिणी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान द्वारा शुरु की गई उपग्रहों की एक श्रृंखला है।
- रोहिणी श्रृंखला में चार उपग्रह थे। जिसमें से तीन सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किये गये थे।
- यह इसरो के द्वारा भेजा गया था।
- यह पृथ्वी का कृत्रिम उपग्रह था।
- यह सतीश धावन अंतरिक्ष केंद्र द्वारा भेजा गया था।
धरती की आँखें Summary in English
Once there was a king. He would dream every day and try to make his dreams true. He would explain to the wise and virtuous people in the court about his dreams and take their assistance in fulfilling them. When failed, he would not get desperate, and rectifying his mistakes he would try to accomplish them. The ships belonging to the king would sail for thousands of kilometres on business purpose and spread his fame and glory. On the other side, the life became miserable for the king. Sometimes, when the king’s ships were in danger, it was not informed to him immediately and there was delay in rendering help.
One day the king was experiencing the pleasure of night in moonlight. He was thinking that it would be easy to watch his entire kingdom if he went to the moon. Thinking so, he fell asleep. He got a strange dream in his sleep. He felt that the man had two eyes. Watching with his two eyes on all sides, the moon warned the king of coming misfortunes. The king thanked the moon in his dream itself. The following day he, with despair, revealed about his dream in the court. An old minister told the king not to be upset and his dream would come true one day or other.
Some days later, everyone died. At last, the day when the king’s dream was fulfilled came.
Now, hundreds of satellites are revolving round the earth. They can really watch everything exactly the same as the eyes watching the earth. They predict the cyclones formed on sea /ocean, explosions occurred often on the earth, and the changes in atmosphere. They warn us about the ensuing disasters. They are now under taking research programmes also. Their vision is sensible and sharp. We can never hide anything from them. They can take photographs from hundreds of miles height.
Ah! If the king were alive today, he would feel very happy, for his dream had come true.
अर्थग्राह्यता - प्रतिक्रिया
पठित - गद्यांश
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
1. बहुत पुरानी बात है।च एक राजा था। वह नित्य नये सपने देखता था। उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था। दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सपने सुनाता। उन्हें पूरा करने में उनकी सहायता लेता। सपने पूरा करने के लिए अपने खजाने का मुँह खोल देता ।
प्रश्न :
1. कैसी बात है?
उत्तर:
बहुत पुरानी बात है।
2. राजा क्या देखता था?
उत्तर:
राजा नित्य नये सपने देखता था।
3. राजा किसे सपने सुनाता था?
उत्तर:
राजा दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सपने सुनाता था।
4. राजा अपने खजाने का मुँह क्यों खेलता था?
उत्तर:
राजा अपने सपने पूरा करने खजाने का मुँह _खोल देता था।
5. राजा किन्हें पूरा करने का प्रयास करता था?
उत्तर:
राजा सपने पूरा करने का प्रयास करता था।
2. राजा के व्यवहार से सभी खुश थे । वे राजा के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते । इसी कारण राज्य दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा था । राजा के नाव समुद्र में हज़ारों मील दूर जाते। उसका यश फैलाते । नयी बस्तियाँ बसाते । व्यापार करते । इस प्रकार उस राजा का राज्य दूर - दूर तक फैल गया ।
प्रश्न :
1. राजा के व्यवहार से सभी कैसे थे?
उत्तर:
राजा के व्यवहार से सभी खुश थे।
2. राजा के नाव समुद्र में कितने मील दूर जाते थे?
उत्तर:
राजा के नाव समुद्र में हज़ारों मील दूर जाते थे।
3. राजा के लिए सब कुछ करने को कौन तैयार रहते थे?
उत्तर:
राजा के लिए सब कुछ करने को सभी लोग तैयार रहते थे।
4. ”व्यवहार” शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर:
व्यवहार शब्द का अर्थ है रीति या पद्धति।
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से दिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश ”धरती की आँखें’ पाठ से दिया गया है।
3. फिर एक दिन न राजा रहा, न वृद्ध दरबारी । धीरे - धीरे समय बीतता गया। आखिर वह दिन आ ही गया जब राजा का सपना सचमुच सच हो गया। आज सैकड़ों कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। आज अकेला चाँद ही हमारी धरती की आँख नहीं है। अंतरिक्ष में सैकड़ों कृत्रिम उपग्रह चक्कर काट रहे हैं, जो कई नयी बातों की जानकारी हमें देते हैं।
प्रश्न :
1. अंतरिक्ष में कौन चक्कर काट रहे हैं?
उत्तर:
अंतरिक्ष में सैकडों कृत्रिम उपग्रह चक्कर काट रहे हैं।
2. धीरे-धीरे क्या बीतता गया?
उत्तर:
धीरे - धीरे समय बीतता गया।
3. पृथ्वी की परिक्रमा करनेवाले क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी की परिक्रमा करनेवाले कृत्रिम उपग्रह हैं।
4. ”धरती” शब्द का पर्याय क्या है?
उत्तर:
धरती शब्द का पर्याय - ”पृथ्वी’ है।
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश ”धरती की आँखें’ पाठ से लिया गया है।
4. सुबह हुई। समय पर दरबार लगा। राजा ने अपना सपना सुनाया। फिर हँसते हुए कहा, सपना शायद सपना ही रहेगा। राजा की हँसी के पीछे छिपी निराशा और दर्द ने दरबारियों को विचलित कर दिया। एक वृद्ध दरबारी ने कहा, महाराज निराश न हो। आपको यह सपना अवश्य सच होगा।
प्रश्न :
1. समय पर क्या लगा?
उत्तर:
समय पर दरबार लगा।
2. दरबारियों को क्या विचलित कर दिया?
उत्तर:
राजा की हँसी के पीछे छिपी निराशा और दर्द ने दरबारियों को विचलित कर दिया।
3. वृद्ध दरबारी ने क्या कहा?
उत्तर:
एक वृद्ध दरबारी ने कहा, महाराज निराश न हो। आपका यह सपना अवश्य सच होगा।
4. राजा ने दरबारियों को क्या सुनाया?
उत्तर:
राजा ने दरबारियों को सपना सुनाया।
5. राजा ने हँसते हुए क्या कहा?
उत्तर:
राजा ने हँसते हुए कहा, सपना शायद सपना ही रहेगा।
5. कृत्रिम उपग्रह सचमुच धरती की चक्कर काटती आँखों के समान हैं । वे सब देख लेते हैं । समुद्र में उठते तूफ़ान, धरती पर होने वाले तरह - तरह के विस्फोट, यहाँ-वहाँ चलने वाले भयानक युद्ध। यही नहीं, वे मौसम को बहुत पहले पहचान लेते हैं और आने वाले खतरों से सावधान कर देते हैं । अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं जिनसे इन ग्रहों की यात्रा का मार्ग तैयार होता है । ये पलक झपकते संदेशों को, चित्रों को और टेलीविज़न कार्यक्रमों को हज़ारों मील दूर पहुँचाते हैं।
प्रश्न :
1. कृत्रिम उपग्रह किसके समान हैं?
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह सचमुच धरती की चक्कर काटती आँखों के समान हैं।
2. मौसम को बहुत पहले पहचान लेनेवाले क्या हैं?
उत्तर:
मौसम को बहुत पहले पहचान लेनेवाले कृत्रिम उपग्रह हैं।
3. कृत्रिम उपग्रह क्या देख लेते हैं?
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह सब देख लेते हैं।
4. कृत्रिम उपग्रह किसके बारे में जानकारी देते हैं?
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं।
5. समुद्र शब्द का पर्याय क्या है?
उत्तर:
समुद्र शब्द का पर्याय - ”सागर ” है।
अपठित - गद्यांश
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।
1. कोडैक्कानल की झील बहुत प्रसिद्ध है। इसके किनारे - किनारे बहुत अच्छी सड़कें बनी हुई हैं। मौसम में इस पर सदा भीड़ रहती है। झील पर नावें भी चलती हैं। नाव चलाने में बड़ा आनंद आता है। कोडैक्कानल में एक वेदशाला भी है। इसमें सूर्य के संबन्ध में विशेष अनुसंधान करने का प्रबन्ध है। कोडैक्कानल में देखने लायक स्थान बहुत से हैं। सड़क से कोडैक्कानल शहर पहुँचने के पहले ”सिल्वर कैसकेड’ नामक सुन्दर झरना है। यह सचमुच रजत प्रपात ही है। इसके आसपास सदा दर्शकों की भीड़ लगी रहती है।
प्रश्न :
1. कोडैकानल शहर पहुँचने के पहले यह सुंदर झरना है
A) कोडैक्कानल
B) सोने की कैसकेड
C) सिल्वर कैसकेड
D) ये सब
उत्तर:
C) सिल्वर कैसकेड
2. वेदशाला कहाँ है?
A) कोडैक्कानल में
B) मद्रास में
C) ऊटी में
D) मैसूर में
उत्तर:
A) कोडैक्कानल में
3. यहाँ की झील बहुत प्रसिद्ध है
A) ऊटी
B) मधुरै
C) कोडैक्कानल
D) सिम्ला
उत्तर:
C) कोडैक्कानल
4. मीसग कहाँ सदा भी रहता है?
A) अडयार में
B) कोडैक्कानल में
C) मैसूर में
D) तंजाऊर में
उत्तर:
B) कोडैक्कानल में
5. सूर्य के संबंध में विशेष अनुसंधान करने का प्रबंध कहाँ है?
A) कोडैक्कानल के वेदशाला में
B) मैसूर के चामुंडी मंदिर में
C) तिरुपति में
D) ब्रह्मलोक में
उत्तर:
A) कोडैक्कानल के वेदशाला में
2. प्रसिद्ध संत तिरुवल्लवर तमिल भाषा के कवि थे इनके लिखे “कुरल” आज भी घर - घर गाये जाते हैं। “कुरल” एक तरह के दोहे हैं जिस से कुछ न कुछ सीख मिलती है। तिरुवल्लवर संतोषी और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता था। वे कपडा बुनकर अपनी जीविका चलाते थे।
प्रश्न :
1 तिरुवल्लवर किस भाषा के कवि थे?
A) तेलुगु
B) कन्नड
C) तमिल
D) हिंदी
उत्तर:
C) तमिल
2. आज भी घर - घर क्या गाये जाते हैं?
A) दोहे
B) कविता
C) गीत
D) कुरल
उत्तर:
D) कुरल
3. ”कुरल” क्या हैं?
A) गीत
B) कविताएँ
C) लोकगीत
D) दोहे
उत्तर:
D) दोहे
4. तिरुवल्लुवर किस प्रकार के व्यक्ति थे?
A) शांत स्वभाव के
B) क्रोध करनेवाले
C) चिंतक
D) दार्शनिक
उत्तर:
A) शांत स्वभाव के
5. वे कैसे अपनी जीविका चलाते थे?
A) भीख मांग कर
B) चोरी करके
C) कपडा बुनकर
D) मेहनत करके
उत्तर:
C) कपडा बुनकर
3. बढई का काम भी कलात्मक है। लकडी से वह हल, बैलगाडी, उसके पहिए आदि बनाकर देता है। घरों के निर्माण के लिए खंबे, लक्कड, दरवाजे, खिडकियाँ आदि भी बनाता है। लकडी पर महीन नक्काशी का भी काम करता है। चमार चप्पल, जूते आदि बनाते हैं। सुनार सोने - चाँदी के जेवर बनाते हैं। यह काम बारीक एवं नाजुक होता है। ताम्बा और पीतल से भी कलात्मक वस्तुएँ बनायी जाती हैं।
प्रश्न :
1. बढ़ई लकडी से क्या - क्या बनाकर देते हैं?
A) हल, बैलगाडी
B) बस, रेल
C) रेल, हल
D) A & B
उत्तर:
A) हल, बैलगाडी
2. सुनार क्या बनाते हैं?
A) सोने - चाँदी के जेवर
B) चप्पल, जूते
C) दरवाज़े, खिडकियाँ
D) खंबे, लक्कड
उत्तर:
D) खंबे, लक्कड
3. बारीक एवं नाजूक काम क्या है?
A) सोने - चाँदी के जेवर बनाना
B) दरवाज़े बनाना
C) पहिए बनाना
D) जूते बनाना
उत्तर:
D) जूते बनाना
4. तांबा और पीतल से कैसी वस्तुएँ बनायी जाती है?
A) बारीक
B) सुंदर
C) नाजूक
D) कलात्मक
उत्तर:
D) कलात्मक
5. चमार क्या - क्या बनाते हैं?
A) दरवाजे, खिडकियाँ
B) चप्पल, जूते
C) खंबे, लक्कड
D) हल, पहिए
उत्तर:
B) चप्पल, जूते
4. जंगल में एक तालाब था। उसमें अनेक मेढ़क रहते थे। उन मेढ़कों में मैटू नाम का एक मेंढ़क था। वह बडा बहादुर और समझदार था। उसका एक मित्र भी था। उसके मित्र का नाम डैटू था। एक बार मैटू और डैटू गाँव में घूमने के लिएआये। वे दोनों एक ग्वाले के घर में घुस गये। वहाँ दूध से भरी मटकी रखी थी।
प्रश्न :
1. मेंढक कहाँ रहते थे?
A) नदी में
B) तालाब में
C) कुएँ में
D) पत्थर के नीचे
उत्तर:
B) तालाब में
2. मैटू किस प्रकार का मेंढ़क था?
A) बहादुर
B) समझदार
C) बहादुर और समझदार
D) डरपोक
उत्तर:
C) बहादुर और समझदार
3. मैटू के मित्र का नाम क्या था?
A) डैटू
B) कैटू
C) मोटू
D) लैटू
उत्तर:
A) डैटू
4. एक बार मैटू और डैटू कहाँ आये?
A) शहर में घूमने
B) सिनेमा देखने
C) मित्र से मिलने
D) गाँव में घूमने
उत्तर:
D) गाँव में घूमने
5. वे दोनों कहाँ घुस गये?
A) सिनेमाघर में
B) ग्वाले के घर में
C) किसान के घर में
D) मित्र के घर में
उत्तर:
B) ग्वाले के घर में
5. सिंगरी गाँव के बाहर एक तालाब था । तालाब में मछलियाँ थीं । एक मछली बहुत सुंदर थी। उसका रंग सोने जैसा था । सब उसे ’सुनहरी’ कहकर बुलाते थे। उसी तालाब में एक मेंढ़क भी था, उसका नाम रुकू था। रुकू कभी ज़मीन पर बैठता कभी पानी में कूद जाता। वह उछलता - कूदता ही रहता। सुनहरी मछली को तैरते देख, उसे बहुत अच्छा लगता।
प्रश्न :
1. तालाब कहाँ था?
A) सिंगारी गाँव के बाहर
B) जंगल में
C) पहाड पर
D) पिंगारी गाँव से बाहर
उत्तर:
A) सिंगारी गाँव के बाहर
2. तालाब में क्या थी?
A) कछुआ
B) मगर
C) मछलियाँ
D) व्हेल
उत्तर:
C) मछलियाँ
3. सोने जैसा रंग मछली को क्या कहकर बुलाते थे?
A) सफ़ेदी
B) सुनहरी
C) सुंदरी
D) गुलाबी
उत्तर:
B) सुनहरी
4. मेढ़क का नाम क्या था?
A) रुकू
B) मेकू
C) सुनहरी
D) स्वेता
उत्तर:
A) रुकू
5. किसे देखकर उसे बहुत अच्छा लगता है?
A) पानी को
B) लहरों को
C) सुनहरी को
D) दूसरे मेंढक को
उत्तर:
C) सुनहरी को