AP State Syllabus AP Board 9th Class Hindi Textbook Solutions Chapter 11 सुनीता विलियम्स Textbook Questions and Answers.
AP State Syllabus 9th Class Hindi Solutions Chapter 11 सुनीता विलियम्स
9th Class Hindi Chapter 11 सुनीता विलियम्स Textbook Questions and Answers
InText Questions (Textbook Page No. 55)
प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखायी दे रहा है?
उत्तर:
यह अंतरिक्ष परिशोधना केंद्र है। यहाँ रॉकेट (अंतरिक्ष यान) को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी हो रही है। चित्र में रॉकेट भेजने के उपयोग में आनेवाले यंत्र दिखाई दे रहा हैं।
प्रश्न 2.
अंतरिक्ष किसे कहते हैं ? वहाँ कैसे पहुँच सकते हैं?
उत्तर:
वह स्थान जो भूमि से बहुत पार है और वहाँ भूमि की आकर्षण शक्ति का कोई भी प्रभाव नहीं होता और जहाँ ग्रह सूरज की परिक्रमा करते रहते हैं उस स्थान को अंतरिक्ष कहते हैं । वहाँ रॉकेटों के द्वारा हम पहुँच सकते हैं।
प्रश्न 3.
इस चित्र से हमें क्या संदेश मिलता है?
उत्तर:
इस चित्र से हमें यह संदेश मिलता है कि “यह रॉकेट ही नहीं, मानव प्रयासों का साकार रूप भी है जिस के निर्माण में कई वैज्ञानिकों की बौद्धिक क्षमताएँ छिपी हैं।
अर्थव्राह्यता-प्रतिक्रिया
अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर सोचकर बताइए ।
प्रश्न 1.
अंतरिक्ष के बारे में बताइए ।
उत्तर:
अंतरिक्ष वह स्थान है जहाँ भूमि की आकर्षण शक्ति नहीं होती और शून्य ही दिखता है। अंतरिक्ष में सूरज को घेरे लेकर ग्रह तथा उपग्रह एक कक्षा में घूमते रहते हैं ।
प्रश्न 2.
अंतरिक्ष यान के बारे में बताइए।
उत्तर:
अंतरिक्ष में या आकाश में (व्योम) जाने के काम आनेवाले यान को अंतरिक्ष यान कहते हैं। ये अंतरिक्ष यान अनेक उपयोगी कामों के लिए प्रक्षेपण किये जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनवरत प्रयत्नों से ये यान बनते हैं। ये अंतरिक्ष यान कतिपय विषयों की जानकारी पहुँचाने बहुत उपयोगी हैं। इनसे कुछ मुख्य लाभ ये हैं – किसी दूसरे ग्रह पर जाने के लिए, संचार करने और धरती की निरीक्षण करने के लिए, मौसम संबन्धी जानकारी के लिए, अंतरिक्ष यात्रा और चन्द्रमा की यात्रा के लिए।
प्रश्न 3.
कुछ अंतरिक्ष यात्रियों के नाम बताइए।
उत्तर:
आरंभ से ही मानव अंतरिक्ष के बारे में जानने की कोशिश में रहा है। इसी आशय की सिद्धि के लिए समय – समय पर अनेक यान अंतरिक्ष में भेजे गये हैं। उन यानों में अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनाट्स) जाते हैं। उनमें बज एलड्रिन, नील आर्मस्ट्रांग, राकेश शर्मा, यूरी गगारिन, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स आदि प्रमुख हैं।
आ) नीचे दी गयी पंक्तियाँ पूरी कीजिए ।
1. जब मैं पाँच वर्ष की थी ……………….. चलते हुए देखा ।
उत्तर:
तो मैं ने नील आर्मस्ट्राँग को चंद्रमा पर पहला कदम रखते और
2. हर भारतीय अपनी …………………. कर रहा है ।
उत्तर:
प्रार्थनाओं में मेरी सफ़लता की कामना ।
3. उसी दिन लगा कि हर जीत ……………………….. प्रेरणा होती है |
उत्तर:
के पीछे हार की
इ) अनुच्छेद पढिए । अनुच्छेद से संबंधित तीन प्रश्न बनाइए ।
प्राचीन समय में मनुष्य गुफ़ाओं, जंगलों व पहाड़ों में रहा करता था । तब वह अपने आप में अकेला था । धीरे-धीरे उसे आभास हुआ कि समुदाय या समाज में रहने वाला सुखी जीवन व्यतीत करता है। यहीं से उसने समाज की रचना की और सामाजिक प्राणी कहलाने लगा । यह सब एकदूसरे के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान से ही संभव हो सका है । सूचना को समाज के विकास का
मूल स्रोत कहा जा सकता है ।
उत्तर:
- प्राचीन समय में मनुष्य कहाँ रहा करता था?
- कब से मनुष्य सामाजिक प्राणी कहलाने लगा?
- समाज के विकास का मूल स्रोत किसे कहते हैं?
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
अ) इन प्रश्नों के उत्तर लिरिवए ।
प्रश्न 1.
भारत को प्रतिभावानों का देश क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
भारत में कई प्रतिभावानों का जन्म हुआ हैं।
जैसे :
आर्यभट्, सी.वी.रामन, जे.सी.बोस, अब्दुल कलाम, टेसी थॉमस और सुनीता विलियम्स आदि। यहाँ के गाँव – गाँव में भी प्रतिभाशाली बच्चे हैं। यहाँ की लडकियाँ भी विशेष प्रतिभा रखती हैं। इसलिए भारत को प्रतिभावानों का देश कहा गया।
प्रश्न 2.
सुनीता विलियम्स ने ऐसा क्यों कहा कि हर जीत के पीछे हार की प्रेरणा होती है? ।
उत्तर:
स्नातक की पढ़ाई के बाद सुनीता विलियम्स के भाई ने नेवी में भर्ती हुए। इससे सुनीता विलियम्स को भी प्रेरणा मिली। वह भी नेवी में चयन हो गया। उसकी दृष्टि सटीक होने के कारण उन्हें पायलट की नौकरी मिल गयी। वह जट पायलट बनना चाहती थी। किंतु उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई। उन्हें हेलीकॉप्टर पायलट से ही संतोष करना पडा। यहाँ पर उन्होंने बहुत कुछ सीखा। आप कई बार विफ़ल भी हुई। बाद में वे अंतरिक्ष यात्री बनी। इसीलिए सुनीता विलियम्स ने ऐसा कहा कि हर जीत के पीछे हार की प्रेरणा होती है।
प्रश्न 3.
सुनीता विलियम्स से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
सुनीता विलियम्स से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जितना भी कठिन काम होने पर भी यदि उसमें रुचि है तो मेहनत, लगन, समझदारी के साथ हम अपने मनपसंद कार्य क्षेत्र में प्रवेश करके अपनी इच्छा पूर्ति कर
सकेंगे। दुनिया के आगे हम अपनी प्रतिभा को दिखा सकेंगे। विजय पायेंगे।
आ) “सुनीता विलियम्स” पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
सुनीता विलियम्स – सारांश
सुनीता “अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र” पर क़दम रखने वाली पहली भारतीय महिला है । सुनीता ने किसी भी महिला द्वारा अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा लंबा समय बिताने (195 दिन) व अंतरिक्ष में चलने का रिकॉर्ड भी बनाया है।
इसके साथ-साथ अंतरिक्ष प्रयोगशाला में ऐसे कई परीक्षण भी किए, जो भावी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लाभदायक सिद्ध होंगे । सुनीता ने इस साहसी अभियान में रुचि दिखाकर यह प्रमाणित कर दिया कि महिलाएं भी पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं, वे बड़े से बड़े लक्ष्य को साकार करने का साहस रखती हैं।
सुनीता विलियम्स जब पाँच वर्ष की थी तब उसने नील आर्मस्ट्राँग को चंद्रमा पर पहला कदम रखते और चलते हुए देखा था । वह इस दृश्य से प्रभावित होकर उसी दिन ठान ली कि अंतरिक्ष यात्री बनें।
उन्होंने हेलीकॉप्टर के पायलट रूप में अपना पेशा आरंभ किया । वे एक बार जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र पहुँची। वहाँ जॉन यंग ने हेलिकॉप्टर और अंतरिक्ष यान की तुलना की । यह तुलना प्रेरणात्मक थी । बाद में वह इस क्षेत्र में विजय पायी ।
सुनीता जी का लालन-पालन बॉस्टन में हुआ । उनके पिता एक डॉक्टर हैं । स्नातक की पढ़ाई के बाद सुनीता के भाई को नेवी में भर्ती किया गया । इससे भी सुनीता को प्रेरणा मिली । पसंद न होते हुए भी उन्हें नेवी में ही भर्ती होना पड़ा ।
बाद में उन्हें हेलीकॉप्टर पायलट की नौकरी मिल गयी | बाद में जॉन यंग से प्रेरित होकर अंतरिक्ष यात्री बनी । वह भारत संतति की अंतरिक्ष यात्री है । इस पर हमें बडा गर्व है ।
इ) यदि आप सुनीता विलियम्स का साक्षात्कार लेते तो क्या प्रश्न पूछते? लिखिए।
उत्तर:
शांतिकामुक पवित्र भारत देश की विख्यात अंतरिक्ष यात्री है सुनीता विलियम्स। एक साधारण स्त्री होकर भी उसने लगन और श्रद्धा से अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति कर ली। ऐसी सफल और प्रतिभाशाली अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का साक्षात्कार लेने का सौभाग्य मिला तो मैं अपने को धन्य मान लेता। उस आदरणीय महिला से मैं ये प्रश्न पूछता –
- आप एक सफल अंतरिक्ष यात्री बन सकी, इस महान कार्य को संपन्न करने में आपके परिवारवालों ने किस प्रकार का सहयोग दिया? बताइए।
- अंतरिक्ष यात्री बनने आपने किस प्रकार के शोध किये, उनका परिचय दीजिए।
- जॉन यंग ने आपको किस प्रकार का योगदान दिया?
- भावी अंतरिक्ष यात्रियों को आपसे मिलनेवाला सहयोग क्या है?
- भविष्य में आपसे होनेवाले महान कार्य क्या – क्या हैं?
ई) सुनीता विलियम्स की सफलताओं के लिए एक बधाई संदेश तैयार कीजिएं।
उत्तर:
भारत की लाडली और सफल अंतरिक्ष यात्री सुनीता आपको हमारी हार्दिक बधाइयाँ। आज आपने यह साबित किया है कि स्त्रियाँ भी बहुत प्रभावशाली हैं और किसी भी विषय में पुरुषों से कम नहीं है। श्रद्धा और लगन से हर काम संभव कर सकते हैं। असफलता से न डरते, धीरज से आगे बढना ही महान गुण है। अथक परिश्रम ही सफलता का मूलमंत्र है।
एक साधारण पढी – लिखी स्त्री (नारी) भी लगन और श्रद्धा से मन चाही लक्ष्य प्राप्त कर सकती है। इसका सच्चा प्रमाण ही तुम्हारा जीवन है। मानव कल्याण और विश्वशांति की सिद्धि के लिए किये गये तुम्हारे प्रयत्न सदा सराहनीय हैं। मानवता की प्रतिमूर्ति, सहृदयी सुनीता तुम्हारा जन्म सार्थक हुआ है। तुम्हारा जीवन. हम सबके लिए प्रेरणा – स्त्रोत बने। भारत की हर लाडली तुम्हारे जीवन से प्रेरणा पाकर महान चरित्रवान बने। तुम्हारा नाम और यश धरती पर सदा अमर रहे। महत्वाकांक्षी तुम्हारा भावी जीवन, सुखदायी और मंगलमय हो। परमात्मा सदा तुम्हें सुखी रखे।
भाषा की बात
अ) वाक्य पढ़िए । क्रियाओं पर ध्यान दीजिए ।
परियोजना कार्य
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गये उपग्रहों की जानकारी इकट्ठा कीजिए | किसी एक उपग्रह के बारे में लिखिए ।
उत्तर:
भारत भी अंतरिक्ष में कदम बढ़ाने का श्रीगणेश सन् 1972 ई.वीं में की । इसी साल अंतरिक्ष विभाग तथा अंतरिक्ष आयोग की स्थापना की गई।
स्पेस अप्लिकेशन सेंटर (अहमदाबाद), विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, (तिरुवनंतपुरम), श्रीहरिकोटा, रैज (आंध्र प्रदेश), फ़िज़िकल रीसर्च लेबोरेटरी (अहमदाबाद) आदि में अंतरिक्ष आविष्कारों से संबंधित केंद्र खुले गये ।
अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत का योगदान :
1. आर्य भट्ट – 1975 ई.वी. (19 अप्रैल, 1975)
2. भास्कर-1 – 1979 (07 जून, 1979)
3. रोहिणी-1 – 1980 (19 जुलाई, 1980)
4. इन्सेट (इंडियन नेशनल सैटिल्लैट) – 1981
5. रोहिणी आर.एस.डी 2 – 1981 (31 मई, 198A)
6. एप्पल – 1981 (19 जून, 198A)
7. इन्सेट 1-ए – 1982 (10 अप्रैल, 198B)
8. रोहिणी-डी-2 – 1983 (17 अप्रैल, 198C)
9. इन्सेट -1बी – 1983 (30 अगस्त, 198C)
10. ए.एस.एल.वी. – 1987 (24 मार्च, 1987)
11. आई.आर.एस – 1ए – 1988 (17 मार्च, 1988)
12. इन्सेट -1सी – 1988 (21 जुलाई, 1988)
13. आई.आर.एस.1बी – 1991 (29 अगस्त, 199A)
14. इन्सेट – 1डी – 1990 (17 जुलाई, 1990)
15. ए.एस.एल.वी.डी-3 – 1992 (20 मई, 199B)
16. इन्सेट – 2 ए – 1992 (10 जुलाई, 199B)
17. इन्सेट-2 बी – 1993 (23 जुलाई, 199C)
18. पी.एस.एल.वी.डी -1 – 1993 (20 सितंबर, 199C)
19. पी.एस.एल.वी.डी – 2 – 1994 (15 अक्तूबर, 199D)
20. इन्सेट – 2 सी – 1995 (07 दिसंबर, 1995)
21. ऐ.आर.एस – 1सी – 1995 (28 दिसंबर, 1995)
22. ऐ.आर.एस.पी.3 – 1996 (21 मार्च, 1996)
23. इन्सेट-2डी – 1997 (04 जून, 1997) |
24. ऐ.आर.एस. – 1डी – 1997 (29 सितंबर, 1997)
25. इन्सेट – 2ई – 1999 (03 अप्रैल, 1999)
26. आई.आर.एस.पी.-4 – 1999 (26 मई, 1999)
27. इन्सेट-3 बी – 2000 (22 मार्च, 2000)
28. जी सैट – 2001 (18 अप्रैल, 200A)
29. इन्सेट – 3सी – 2002 (24 जनवरी, 200B)
30. मेटसेट – 2002 (12 सितंबर, 200B)
31. इन्सेट-3 ए – 2003 (14 अप्रैल, 200C)
32. जी.एस.एल.वी – डी 2 – 2003 (08 मई, 200C)
33. इन्सेट – 3ई – 2003 (28 सितंबर, 200C)
34. रिसोर्स सैट-1 – 2003 (17 अक्तूबर, 200C)
35. रोहिणी 200 – 2003 (21 नवंबर, 200C)
36. एज्युसेट – 2004 (20 सितंबर, 200D)
37. एस्ट्रोसैट – 2004 (26 जुलाई, 200D)
38. कार्टो सैट 1 व हैम सेट – 2005 (05 मई, 2005)
39. इन्सेट-4 ए – 2005 (22 दिसंबर, 2005)
40. इन्सैट-4 सी – 2006 (10 जुलाई, 2006)
41. इन्सैट-4 बी – 2007 (12 मार्च, 2007)
42. पी.एस.एल.वी – सी 8 – 2007 (23 अप्रैल, 2007)
43. जी.एस.एल.वी – एफ़ 04 – 2007 (2 सितंबर, 2007)
44. पी.एस.एल.वी – सी 10 – 2008 (21 जनवरी, 2008)
45. पी.एस.एल.वी – सी 9 – 2008 (28 अप्रैल, 2008)
46. चंद्रयान 1 (PSLVC – 11 द्वारा) – 2008 (22 अक्तूबर, 2008)
47. रीसैट-2 & अनुसैट (PSLVC – 12 द्वारा) – 2009 (20 अप्रैल, 2009)
48. पी.एस.एल.वी.सी 14 – 2009 (23 सितंबर, 2009)
49. कार्टोशाट 2 बी – 2010 (12 जुलाई, 2010)
50. रीसोर्स सैट – 2011 (20 अप्रैल, 201A)
51. जी सैट – 8 – 2011 (21 मई, 201A)
52. जीसैट – 12 – 2011 (25 जुलाई, 201A)
53. मेघा ट्राफ़िक वेस्सेल सैट 1 – 2011 (12 अक्तूबर, 201A)
54. रीसैट 1 – 2012 (26 अप्रैल, 201B)
एज्यु सैट (Edusat)
भारत देश में दूरस्थ शिक्षा क्षेत्र की उन्नति
हेतु दूरस्थ शिक्षा के प्रसार एवं प्रचार में क्रांति
लाने 20 सितंबर, 2004 को श्रीहरिकोटा के
सतीष धावन अंतरिक्ष केंद्र से इस उपग्रह को
20 सितंबर, 2004 को अंतरिक्ष में भेजा गया ।
इसका भार 1950 कि.ग्रा है।
इससे देश भर में दूर शिक्षा प्रचार एवं प्रसार में तीव्रगति से उन्नति बढ़ेगी ।
सुनीता विलियम्स Summary in English
Sunita Williams is the first Indian-American astronaut to enter the International Space Station. She holds the record for the longest space flight (195 days) by a woman. She also holds the record for space-walking time for female astronauts. Besides, she conducted many expeditions in space lab for the benefit of future astronauts. She was all passionately interested in this venturesome field and proved that women are not less than men. She was an adventurous woman to make even big dreams true. Come, let’s know how she could do all these adventurous programmes.
Question :
There are lakhs of pilots and scientists in the world. But in America, there are at least a hundred astronauts. What led you to enter the space world?
Answer:
A very good question. When I was in V class, I saw Neil Armstrong stepping on the moon and walking on it for the first time. I got inspired from that incident and that very day I decided to become an astronaut. But it is not such an easy task. Till I went to Test Pilot School located in Meriland, my dream remained unfulfilled. I began my career as ship and helicopter pilot. Once I left for Johnson Space Centre on this job itself.
It is there I met John Young. He compared the helicopter with spaceship. That comparison was inspiring. Through research I found what one should do to become an astro
naut. I was trained on this field. I got a call to go into space. I say that I’m lucky because got this golden chance.
Question :
Today you are a successful astronaut. What is the significance of ‘Masachusetts’ town in your life? What sort of assistance did the local people render you?
Answer:
I had already told you that I was brought up and nourished near Boston. I would go there for swim. That are belonged to Harvard which is in Cambridge University. Therefore I spent most of my time there itself. My father is a doctor. He would teach in Harvard Medical School and Boston School. It was considered as a centre of education. As there are many education centres, my passion got proper recognition. This is the reason why I could appear before you. The people here too inspired me a lot.
Question :
Explain about your education.
Answer:
I was not good at studies. I was an ordinary student. I saw my brother’s joining Navy after his degree. I too got inspired. I joined Navy. As my eyesight was perfect, I got a pilot job. I wanted to become a jet pilot. But my wish was not fulfilled. I had to be content with only my helicopter pilot job. Here I learnt a lot. I failed many times too. By this I was not desperate but got inspiration. The same day I felt that there would be an inspiration of failure behind every success.
Question :
How did you become an astronaut from a helicopter pilot?
Answer:
For some reason I had to go to Test School. There I met John Young. He inspired me a lot. His role in achieving my dream to develop as an astronaut from an ordinary helicopter pilot is unforgettable.
Question :
Space travel includes many risks. even it is so, how did you get inspiration to fly in space?
Answer:
I have already told you. To become an astronaut is not such a simple thing. It’s natural that it includes risks. But the whole world looks at him/her if he/she is ready to fly in space. My father is an Indian. I’m an astronaut of Indian origin. Every Indian prays for my success. It is their prayers that enhance the adventurous nature in persons.
Question :
What is your message for the future citizens?
Answer:
India is a country with skilled persons. Here, there are talented children in every village. The Indian girls too are unusually talented. Everyone should be well educated and go forward. They should always hold the country’s name high.
सुनीता विलियम्स Summary in Telugu
సునీత అంతర్జాతీయ అంతరిక్ష కేంద్రంలో అడుగుపెట్టిన మొట్టమొదటి భారతీయ మహిళ, సునీత మహిళ ద్వారా అంతరిక్షంలో అందరికంటే ఎక్కువ సమయం (195 రోజులు) గడిపిన, అంతరిక్షంలో నడచిన రికార్డును సాధించినది. దీనికి తోడుగా అంతరిక్ష ప్రయోగశాలలో భావి అంతరిక్ష యాత్రికులకు లాభం కలిగే విధంగా ఎన్నో ప్రయోగాలు కూడా చేసినది. ఈ సాహసాలతో కూడిన కృత్యంలో అభిరుచి చూపి మహిళలు కూడా పురుషుల కంటే ఏ విధంగానూ తక్కువ కారని నిరూపించినది. ఆమె పెద్ద పెద్ద లక్ష్యాలను కూడా సాకారం చేయగల సాహసికురాలు. రండి ఆమెనే అడిగి తెలుసుకుందాం.
ఈ సాహస కృత్యాలను ఎలా చేసి చూపించిందో –
ప్రశ్న :
ప్రపంచంలో లక్షలకొలది పైలెట్లు, శాస్త్రవేత్తలు ఉన్నారు. కానీ అమెరికాలో చాలా కష్టంగా వందమంది అంతరీక్ష యాత్రీకులు ఉన్నారు. మిమ్మల్ని అంతరిక్ష ప్రపంచంలో అడుగు పెట్టుటకు పురికొల్పినది ఏమిటి?
జవాబు :
చాలా గొప్ప ప్రశ్న. నేను 5వ తరగతిలో ఉన్నప్పుడు నీల్ ఆర్మ్ స్ట్రాంగ్ చంద్రునిపై మొట్టమొదటిసారిగా అడుగుపెట్టడం, నడవడం చూశాను. నేను ఆ సన్నివేశం (దృశ్యం) నుండి ప్రేరణ పొంది అదే రోజు అంతరిక్ష యాత్రికురాలు కావాలని నిర్ణయించుకున్నాను. కానీ అది అంత తేలికైన పని కాదు. మేరీలాండ్ లోనున్న టెస్ట్ పైలెట్ స్కూల్ కు వెళ్ళే వరకు అంతరిక్ష యాత్రికురాలు కావాలన్న నా కల కలలానే ఉన్నది. నేను ఓడలు, హెలికాప్టర్ పైలెట్ గా నా వృత్తీని ప్రారంభించాను. ఈ పనీ మీదే నేనొకసారి జాన్సన్ అంతరిక్ష కేంద్రం వెళ్ళాను.
అక్కడే నేను జాన్ యంగ్ ను కలిశాను. ఆయన హెలికాప్టర్ ను, అంతరిక్ష నౌకను పోల్చెను. ఈ పోలిక ప్రేరణ కల్గించే విధంగా ఉన్నది. నేను పరిశోధన ద్వారా అంతరిక్ష యాత్రికులు కావడానికి ఏమి చేయాలో కనుగొన్నాను. నేను ఈ క్షేత్రంలో శిక్షణ పొందాను. అంతరిక్షంలో ఎగరడానికి నాకు పిలుపు వచ్చింది కూడా. నాకు నేను అదృష్టవంతురాలిగా చెప్పుకుంటాను. ఎందుకంటే నాకు ఈ బంగారం లాంటి అవకాశం లభించింది.
ప్రశ్న :
ఈ రోజు మీరు ఒక గొప్ప విజయవంతమైన అంతరిక్ష యాత్రికులు. మీ జీవితంలో “మసాచుసెట్స్” పట్టణ మహత్యమేమిటి ? అక్కడి ప్రజలు మీకు ఎలాంటి సహాయం చేశారు?
జవాబు :
నా పెంపకం, పోషణ బాస్టన్ కి దగ్గరగా జరిగిందని మీకు నేను చెప్పియున్నాను. నేను అక్కడికి ఈదుటకు (ఈత) వెళుతూ ఉండేదాన్ని. ఆ ప్రాంతం హార్వర్డ్ కు చెందినది. అది కేంబ్రిడ్జి క్షేత్రంలోనిది. అందువలన నేను నా సమయమంతా ఇక్కడే గడిపాను. మా నాన్నగారు డాక్టర్. ఆయన హార్వర్డ్ మెడికల్ స్కూల్లో మరియు బాస్టన్ విద్యాలయంలో చదువు చెప్పేవారు. ఈ క్షేత్రం విద్యకు కేంద్రంగా భావింపబడేది. ఇక్కడ ఎన్నో విద్యా కేంద్రాలు ఉండటం వలన నా అభిరుచికి తగిన గుర్తింపు లభించినది. అందువలననే నేను మీ ముందుకు వచ్చి కన్పిస్తున్నాను. దీనిలో ఇక్కడి ప్రజల ప్రేరణ కూడా ఇమిడియున్నది.
ప్రశ్న :
మీ చదువు (విద్యాభ్యాసం) గురించి వివరించండి.
జవాబు :
నేను చదువులో (విద్యాభ్యాసం) అంత శ్రేష్ఠురాలిని కాదు. సాధారణ విద్యార్థినిని. డిగ్రీ చదివిన తర్వాత సోదరుణ్ణి నేవీలో చేర్చడం చూశాను. నాకు కూడా ప్రేరణ కల్గినది. నాకు నా పొడవాటి జుట్టు (వెంట్రుకలు) పట్ల చాలా దిగులు ఉండేది.
నేను నా జుట్టు కత్తిరింపచేసుకుని నేవీలో చేరదలుచుకోలేదు. నేను నేవీలో చేరాను. నా దృష్టి బాగా ఉన్న కారణంగా నాకు పైలట్ ఉద్యోగం వచ్చింది. నేను జట్ పైలట్ కావాలని అనుకున్నా, కానీ నా కోరిక నెరవేరలేదు. నాకు హెలికాప్టర్ పైలట్ పదవితోనే సంతోషించవలసి వచ్చింది. ఇక్కడ నేనెంతో నేర్చుకున్నా. ఎన్నోసార్లు విఫలమయ్యాను కూడా. దీనివలన నేను నిరాశ చెందలేదు కానీ నాకు ప్రేరణ లభించింది. అదే రోజు నాకన్పించినది ప్రతి విజయం వెనుక ఓటమీతో లభించిన ప్రేరణ ఉంటుందనీ.
ప్రశ్న :
మీరు హెలికాప్టర్ పైలట్ నుండి అంతరిక్ష యాత్రికురాలు ఎలా అయ్యారు ?
జవాబు :
నేను ఏదో కారణంగా టెస్ట్ స్కూల్ కి వెళ్ళవలసి వచ్చినది. అప్పుడు అక్కడ నేను జాన్ యంగ్ ను కలిశాను. ఆయనే నన్ను ప్రేరేపించెను. ఒక సామాన్య హెలికాప్టర్ పైలట్ నుండి అంతరిక్ష యాత్రికురాలిగా ఎదగాలన్న కలలో ఆయన పాత్ర ఎప్పటికీ మరువలేనిది.
ప్రశ్న :
అంతరిక్ష యాత్రికునికి అంతరిక్ష యాత్ర అనేది అనేక ప్రమాదాలతో జాగ్రత్తలతో) కూడుకుని వున్నది. ఇన్ని ప్రమాదాలలో (జాగ్రత్తలతో) కూడా మీకు అంతరిక్షంలోకి ఎగరాలన్న ప్రేరణ ఎలా లభించింది?
జవాబు :
నేను మీకు ముందే చెప్పాను. అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అవడం అనేది అంత తేలికైన పని కాదని, ఎన్నో ప్రమాదాలతో కూడుకుని యుండడం స్వాభావికమే. కానీ ఎప్పుడైనా ఎవరైనా అంతరిక్ష యాత్రికు(డు)రాలు అంతరిక్షంలోకి ఎగరడానికి సిద్ధంగా ఉన్నప్పుడు యావత్ ప్రపంచం అతని (ఆమె) వైపు చూస్తుంది. మా తండ్రి భారతీయుడు. నేను భారత సంతతికి చెందిన అంతరిక్ష యాత్రికురాలిని. ప్రతి భారతీయుడు నేను విజయం పొందాలని తన ప్రార్థనలతో కోరుకుంటున్నాడు. ఈ ప్రార్థనలే వ్యక్తులలో ఉండే సాహసాన్ని రెట్టింపు చేసేవి.
ప్రశ్న :
భావి పౌరుల కోసం మీ సందేశమేమిటి ?
జవాబు :
భారతదేశం ప్రతిభావంతులు కల దేశం. ఇక్కడి గ్రామ – గ్రామాన ప్రతిభ కల్గిన పిల్లలున్నారు. ఇక్కడి బాలికలు కూడా విశేష ప్రతిభ కలవారే. అందరూ మంచి విద్యావంతులై ముందుకు నడవాలి. దేశం పేరును ఎల్లప్పుడూ ఉన్నతంగా నీలపాలి.
अर्थग्राहयता – प्रतिक्रिया
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए |
1. जैसा कि मैंने आपको बताया कि मेरा पालन – पोषण बॉस्टन के समीप हुआ । मैं जहाँ तैरने जाती | थी, वह प्रांत हार्वर्ड में पड़ता था। यह प्रांत कैंब्रिज क्षेत्र में है। इसलिए मैंने अपना बहुत सारा समय यही बिताया। मेरे पिता डॉक्टर है, वे हार्वर्ड मेडिकल स्कूल तथा बॉस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे। यह क्षेत्र शिक्षा का गढ़ माना जाता है।
प्रश्न:
1. बॉस्टन के समीप किसका पालन – पोषण हुआ?
उत्तर:
बॉस्टन के समीप सुनीता विलियम्स का पालन पोषण हुआ।
2. सुनीता विलियम्स के पिता क्या काम करते थे?
उत्तर:
सुनीता विलियम्स के पिता डॉक्टर थे।
3. हार्वर्ड प्रांत किस क्षेत्र में है?
उत्तर:
हार्वर्ड प्रांत कैंब्रिज क्षेत्र में है।
4. सुनीता विलियम्स के पिता किस विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे?
उत्तर:
सुनीता विलियम्स के पिता बॉस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे।
5. यह गद्यांश किस पाठ से दिया गया है?
उत्तर:
यह गद्यांश सुनीता विलियम्स पाठ से दिया गया है।
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। सही विकल्प से संबंधित अक्षर चुनकर कोष्ठक में रखिए।
1. वर्ष 2014 के भारत रत्न पुरस्कार श्री मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) एवं पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल | बिहारी वाजपेयी को देने की घोषणा की गयी। 25 दिसंबर 1861 को जन्मे मदन मोहन मालवीय भारत के असाधारण एवं श्रेष्ठ सपूत थे। मालवीय जी की अनेक उपलब्धियों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण | बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की स्थापना थी। मालवीय जी ने बनारस के तत्कालीन महाराजा श्री प्रभु नारायण सिंह जी की मदद से सन् 1904 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव किया।
प्रश्न:
1. वर्ष 2014 के भारत रत्न पुरस्कार किनको प्राप्त हुए?
A) मालवीय जी और वाजपेय जी को
B) मालवीय जी और अडवानी जी को
C) वाजपेयीजी और नेहरू जी को
D) गाँधीजी और वाजपेयी जी को
उत्तर:
A) मालवीय जी और वाजपेय जी को
2. मालवीय जी का जन्म कब हुआ?
A) 25 दिसंबर 1864 को
B) 25 दिसंबर 1961 को
C) 25 दिसंबर 1761 को
D) 25 दिसंबर 1861 को
उत्तर:
D) 25 दिसंबर 1861 को
3. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की स्थापना किसने की?
A) वाजपेयी जी
B) मालवीय जी
C) राजेन्द्र प्रसाद
D) नेहरू जी
उत्तर:
B) मालवीय जी
4. उस समय बनारस के तत्कालीन महाराजा कौन थे?
A) मालवीय जी
B) रंजित सिंह जी
C) श्री प्रभु नारायण सिंहजी
D) सायाजी रावजी
उत्तर:
C) श्री प्रभु नारायण सिंहजी
5. ‘सपूत’ शब्द का विलोम शब्द क्या है?
A) कुपूत
B) सुपुत्र ) अनपूत
D) परिपूत
उत्तर:
A) कुपूत
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए।
1. भारत के भावी नागरिकों के लिए सुनीता विलियम्स का संदेश क्या है?
उत्तर:
भारत के भावी नागरिकों के लिए सुनीता विलियम्स का संदेश यह है कि “भारत प्रतिभावनों का देश है। यहाँ के गाँव – गाँव में प्रतिभाशाली बच्चे हैं। यहाँ की लडकियाँ भी विशेष प्रतिभा रखती हैं। सब सुशिक्षित होकर आगे बढ़े और देश का नाम हमेशा ऊँचा रखें।”
निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए।
1. मुझे अपने लंबे – लंबे बालों की बड़ी चिंता थी। विशेषण शब्द पहचानिए।
A) मुझे
B) बाल
C) चिंता
D) लंबे
उत्तर:
D) लंबे
2. सही क्रमवाला वाक्य पहचानिए।
A) भारत के प्रतिभाशाली बच्चे गाँव – गाँव में हैं।
B) भारत में गाँव – गाँव के प्रतिभाशाली बच्चे है।
C) भारत के गाँव – गाँव में प्रतिभाशाली बच्चे हैं।
D) बच्चे प्रतिभाशाली भारत के गाँव – गाँव में हैं।
उत्तर:
C) भारत के गाँव – गाँव में प्रतिभाशाली बच्चे हैं।
3. अंतरिक्ष यात्री बनना आसान काम नहीं है। (रेखांकित शब्द का विलोम शब्द पहचानिए।)
A) सरल
B) कदर
C) कणिक
D) मुश्किल
उत्तर:
D) मुश्किल
4. सुनीता विलियम्स ने पायलट के रूप में अपना पेशा आरंभ किया था। (काल पहचानिए।)
A) सामान्य वर्तमान काल
B) भूत काल
C) भविष्यत काल
D) वर्तमान काल
उत्तर:
B) भूत काल
अर्थग्राह्यता – प्रतिक्रिया
पठित – गद्यांश
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
1. सुनीता ‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र’ पर क़दम रखने वाली पहली भारतीय महिला है। सुनीता ने किसी भी महिला द्वारा अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा लंबा समय बिताने (195 दिन) व अंतरिक्ष में चलने का रिकॉर्ड भी बनाया है। इसके साथ – साथ अंतरिक्ष प्रयोगशाला में ऐसे कई परीक्षण भी किए, जो भावी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लाभदायक सिद्ध होंगे। सुनीता ने इस साहसी अभियान में रुचि दिखाकर यह प्रमाणित कर दिया कि महिलाएँ भी पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं, वे बड़े से बड़े लक्ष्य को साकार करने का साहस रखती हैं।
प्रश्न :
1. सुनीता कौन है?
उत्तर:
सुनीता ‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र’ पर कदम रखने वाली प्रथम (पहली) भारतीय महिला है।
2. सुनीता ने क्या रिकॉर्ड बनाया है?
उत्तर:
सुनीता ने किसी भी महिला द्वारा अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा लंबा समय 195 दिन बिताने व अंतरिक्ष में चलने का रिकॉर्ड बनाया है।
3. सुनीता ने क्या प्रमाणित कर दिया ?
उत्तर:
सुनीता ने यह प्रमाणित कर दिया कि महिलाएँ भी पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं, वे बडे – से लक्ष्य को साकार करने का साहस रखती है।
4. अंतरिक्ष प्रयोगशाला में कई परीक्षण किसने की ?
उत्तर:
अंतरिक्ष प्रयोगशाला में सुनीता विलियम्स ने कई परीक्षण की।
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से दिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश “सुनीता विलियम्स” नामक पाठ से लिया गया है।
2. जैसे कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि अंतरिक्ष यात्री बनना आसान काम नहीं है। स्वाभाविक है कि यह क्षेत्र खतरों से भरा पड़ा है। किंतु जब कभी कोई अंतरिक्ष यात्री उड़ान के लिए तैयार होता है, तो सारी दुनिया उसी की ओर देखती है। मेरे पिता भारत से हैं। मैं भारत संतति की अंतरिक्ष यात्री हूँ। हर भारतीय अपनी प्रार्थनाओं में मेरी सफलता की कामना कर रहा है। यही प्रार्थनाएँ हैं, जो व्यक्ति के साहस को दुगना कर देती हैं।
प्रश्न :
1. अंतरिक्ष यात्री बनना कैसा काम है?
उत्तर:
अंतरिक्ष यात्री बनना आसान काम नहीं है।
2. किस क्षेत्र खतरों से भरा पड़ा है?
उत्तर:
अंतरिक्ष क्षेत्र खतरों से भरा पड़ा है।
3. सारी दुनिया किसकी ओर देखती है?
उत्तर:
कभी कोई अंतरिक्ष यात्री उड़ान के लिए तैयार होता है तो सारी दुनिया उसी की ओर देखती है।
4. सुनीता विलियम्स किस संतति की अंतरिक्ष यात्री है?
उत्तर:
सुनीता विलियम्स भारत संतति की अंतरिक्ष यात्री है।
5. हर भारतीय अपनी प्रार्थनाओं में किसकी सफलता की प्रार्थना कर रहा है?
उत्तर:
हर भारतीय अपनी प्रार्थनाओं में सुनीता की सफलता की कामना कर रहा है।
3. मैं पढाई में श्रेष्ट नहीं थी। औसत थी। स्नातक की पढ़ाई के बाद भाई को नेवी में भर्ती होते हुए देखा। मुझे भी प्रेरणा मिली । मुझे अपने लंबे -लंबे बालों की बड़ी चिंता थी। आज भी मेरे बाल वैसे ही हैं। मैं अपने बालों को कटाकर नेवी में भर्ती होना नहीं चाहती थी। मेरा नेवी में चयन हो गया। मेरी दृष्टि सटीक होने के कारण मुझे पायलट की नौकरी मिल गयी। मैं जेट पायलट बनना चाहती थी, किंतु मेरी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। मुझे हेलिकॉप्टर पायलट से ही संतोष करना पड़ा। यहाँ पर मैंने बहुत कुछ सीखा। कई बार विफल भी हुई।।
प्रश्न :
1. सुनीता को किसकी बडी चिंता थी?
उत्तर:
सुनीता को अपने लंबे – लबें बालों की बड़ी चिंता थी।
2. सुनीता क्या बनना चाहती थी?
उत्तर:
सुनीता जेट पायलेट बनना चाहती थी।
3. सुनीता को किससे ही संतोष करना पडा?
उत्तर:
सुनीता को हेलिकॉप्टर पायलट से ही संतोष करना पड़ा।
4. सुनीता विलियम्स को उसी दिन क्या लगा?
उत्तर:
सुनीता विलियम्स को उसी दिन लगा कि हर जीत के पीछे हार की प्रेरणा होती है।
5. स्नातक की पढ़ाई के बाद सुनीता विलियम्स के भाई कहाँ भर्ती हुए?
उत्तर:
स्नातक की पढ़ाई के बाद सुनीता विलियम्य के भाई नेवी में भर्ती हुए।
अपठित – गद्यांश
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चुनकर कोष्ठक में लिखिए।
1. समाचार पत्र आधुनिक सभ्यता का अविभाज्य अंग है। वह देश सभ्य माना जाता है, जिसमें बड़ी तादाद में समाचार पत्र निकलते हों। समाचार पत्र अनेक प्रकार के होते हैं – दैनिक साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक आदि। यूरोप में कुछ शहरों में कुछ समाचार – पत्रों का एक ही दिन में दो – तीन बार प्रकाशन होता है, सबेरे एक बार निकलता है, दोपहर को एक बार, फिर शाम को एक बार ।
प्रश्न: 1. आधुनिक सभ्यता का अविभाज्य अंग क्या है?
A) जनता
B) ताल पत्र
C) समाचार पत्र
D) पुस्तकें
उत्तर:
C) समाचार पत्र
2. समाचार पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
A) एक
B) दो
C) तीन
D) अनेक
उत्तर:
D) अनेक
3. किस देश को सभ्य देश कहा जाता है?
A) बड़ी तादाद में समाचार पत्र निकलने वाले देश
B) भारी जनतावाले देश
C) भारी परिश्रमवाले देश
D) खेतीबारी देश
उत्तर:
A) बड़ी तादाद में समाचार पत्र निकलने वाले देश
4. इस उपर्युक्त अनुच्छेद में किसके बारे में बताया गया है?
A) सभ्यता
B) समाचार पत्र
C) देश की उन्नति
D) इन सबके बारे में
उत्तर:
B) समाचार पत्र
5. यूरोप के कुछ शहरों में एक दिन में समाचार पत्र कितने बार निकलते ?
A) दो बार
B) दो – तीन बार
C) चार बार
D) केवल एक बार
उत्तर:
B) दो – तीन बार
2. कोडेक्कानल की झील बहुत प्रसिद्ध है। इसके किनारे – किनारे बहुत अच्छी सड़कें बनी हुई हैं। मौसम में इस पर सदा भीड़ रहती है। झील पर नायें भी चलती हैं। नाव चलाने में बड़ा आनंद आता है। कोडेक्कानल में एक वेदशाला भी है। इसमें सूर्य के संबन्ध में विशेष अनुसंधान करने का प्रबन्ध है। कोडैक्कानल में देखने लायक स्थान बहुत से हैं। सड़क से कोडेक्कानल शहर पहुँचने के पहले | ‘सिल्वर कैसकेड’ नामक सुन्दर झरना है। यह सचमुच रजत प्रपात ही है। इसके आसपास सदा दर्शकों की भीड़ लगी रहती है।
प्रश्न :
1. कोडैक्कानल शहर पहुँचने के पहले यह सुंदर झरना है
A) कोडैक्कानल
B) सोने की कैसकेउ
C) सिल्वर कैसकेड
D) ये सब
उत्तर:
C) सिल्वर कैसकेड
2. वेदशाला कहाँ है?
A) कोडैक्केनाल में
B) मद्रास में
C) ऊटी में
D) मैसूर में
उत्तर:
A) कोडैक्केनाल में
3. यहाँ की झील बहुत प्रसिद्ध है?
A) ऊटी
B) मधुरै
C) कोडेफेनाल
D) सिम्ला
उत्तर:
C) कोडेफेनाल
4. मौसम में कहाँ सदा भीड़ रहती है?
A) अडयार में
B) कोडैकेनाल में
C) मैसूर में
D) तंजाऊर में
उत्तर:
B) कोडैकेनाल में
5. सूर्य के संबंध में विशेष अनुसंधान करने का प्रबंध कहाँ है?
A) कोडैक्केनाल के वेदशाला में
B) मैसूर के चामुंडी मंदिर में
C) तिरुपति में
D) ब्रह्मलोक में
उत्तर:
A) कोडैक्केनाल के वेदशाला में
3. आधी रात को आश्रम के अंदर एक चोर घुस गया। एक आश्रमयासी ने चोर को देख लिया। उसने धीरे – से दूसरों को जगाया। सबने मिलकर चोर को पकड़ लिया और कमरे में उसे बन्द कर रखा।
प्रश्न :
1. आश्रमवासी सब मिलकर किसे पकड लिया?
A) चोर को
B) डाकू को
C) गाँधीजी को
D) आश्रमवासी को
उत्तर:
A) चोर को
2. आधीरात को आश्रम में कौन घुस आया?
A) डाकू
B) पुलीस
C) चोर
D) एक आश्रमवासी
उत्तर:
C) चोर
3. चोर को किसने देखा?
A) गाँधीजी
B) आश्रमवासी
C) दूसरा चोर
D) पुलीस
उत्तर:
B) आश्रमवासी
4. आश्रमवासी ने क्या किया?
A) चोर को मारा
B) धीरे से दूसरों को जगाया
C) सो गया
D) गाँधीजी को बुलाया
उत्तर:
B) धीरे से दूसरों को जगाया
5. चोर को कहाँ बंदकर रखा गया ?
A) कमरे में
B) पेटी में
C) जेल में
D) स्नान घर में
उत्तर:
A) कमरे में
4. शिवाजी एक महान हिन्दू राजा थे। वे सुयोग्य शासक भी थे। उन्होंने अपने राज्य को कई सूबों में बाँटा । ये ‘चौथ’ के नाम से ‘कर’ वसूलते थे। उनका सैनिक बल देखकर औरंगजेब शिवाजी से डरते थे। जब तक शिवाजी जैसे वीर इस देश में थे, तब तक कोई शत्रु भारत की ओर आँख तक नहीं उटाते थे।
प्रश्न :
1. सुयोग्य शासक कौन थे?
A) शिवाजी
B) ब्रह्माजी
C) तोडरमल
D) तात्या
उत्तर:
A) शिवाजी
2. शिवाजी किस नाम से कर वसूल करते थे?
A) सवा
B) चौथ
C) जिजिया
D) लिडिया
उत्तर:
B) चौथ
3. औरंगजेब शिवाजी से क्यों डरते थे?
A) सैनिक बल देखकर
B) शिवाजी के शारीरिक बल देखकर
c) शिवानी की संपत्ति देखकर
D) इन सब कारणों से
उत्तर:
A) सैनिक बल देखकर
4. शिवाजी अपने राज्य को क्या किया?
A) टुकडे – टुकडे
B) सूबों में बाँटा
C) राज्यों में बाँटा
D) मंडलों में बाँटा
उत्तर:
B) सूबों में बाँटा
5. शिवाजी कौन थे?
A) एक महान मुगल राजा
B) एक महान गुलामी राजा
C) एक महान हिंदू राजा
D) एक महान गुप्त राजा
उत्तर:
C) एक महान हिंदू राजा
5. तमिलनाडु की राजधानी चेत्रई है। पहले यह मछुआरों की बस्ती थी। लेकिन आज भारत के चार महानगरों में एक है। तमिलनाडु में चेन्नई जैसे कई बड़े – बड़े शहर हैं। फिर भी यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। यहाँ सभी प्रकार के फूल, फल एवं धान पैदा होते हैं। तंजाऊर तमिलनाडु के जिलों में एक है। यह जिला धान के खेतों से भरपूर है। इसलिए यह दक्षिण का ‘धन का कटोरा’ कहा जाता है।
प्रश्न :
1. आज भारत के चार महानगरों में एक क्या है?
A) चेन्नई
B) हैदराबाद
C) विशाखपट्टणम
D) ये सब
उत्तर:
A) चेन्नई
2. तमिलनाडु के जिलों में एक निम्न में से क्या है?
A) वरंगल
B) बल्लारि
C) तंजाऊर
D) मुंबई
उत्तर:
C) तंजाऊर
3. पहले मछुआरों की बस्ती क्या थी?
A) निजामपट्टणम
B) विशाखपट्टणम
C) चेन्नई
D) गोवा
उत्तर:
C) चेन्नई
4. चेन्नई किसकी राजधानी है?
A) आंध्रा की
B) तेलंगाणा की
C) राजस्थान की
D) तमिलनाडु की
उत्तर:
D) तमिलनाडु की
5. दक्षिण का धान का कटोरा क्या है?
A) चेन्नई
B) तंजाऊर
C) गोवा
D) असाम
उत्तर:
B) तंजाऊर