AP State Syllabus AP Board 9th Class Hindi Textbook Solutions Chapter 6 बेटी के नाम पत्र Textbook Questions and Answers.
AP State Syllabus 9th Class Hindi Solutions Chapter 6 बेटी के नाम पत्र
9th Class Hindi Chapter 6 बेटी के नाम पत्र Textbook Questions and Answers
InText Questions (Textbook Page No. 26)
प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
चित्र में एक लड़का है । उसके सामने एक थैला है। उसके हाथ में एक पत्र है।
प्रश्न 2.
बालक क्या कर रहा होगा?
उत्तर:
बालक पत्र पढ़ रहा होगा ।
प्रश्न 3.
हमारे जीवन में पत्रों का क्या महत्व है?
उत्तर:
पत्र भिन्न-भिन्न प्रांतों में रहनेवाले दो या कई व्यक्तियों के बीच मित्रता को बढ़ाते हैं। ये दिलों को जोडते हैं। अपनी भावनाएँ दूसरों तक पहुँचाने के लिए पत्र ही एक साधन है।
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
अ) प्रश्नों के उत्तर सोचकर दीजिए।
प्रश्न 1.
पुराने समय में पत्र कैसे भेजे जाते थे?
उत्तर:
- पुराने समय में पत्र कबूतरों के द्वारा भेजे जाते थे ।
- कभी-कभी पालतू जानवरों से भी पत्र भेजे जाते थे।
- संवाददाता एवं समाचार वाहकों के द्वारा भी पत्र भेजे जाते थे।
प्रश्न 2.
विविध उत्सवों व शुभसंदर्भो पर शुभकामनाएँ कैसे दी जाती हैं ?
उत्तर:
विविध उत्सवों व शुभसंदर्भो पर शुभकामनायें फ़ोन के द्वारा, सेल फ़ोन (दूर वाणि) के मेसेजों (संदेशों) द्वारा
ई-मेइल संदेशों द्वारा, पत्रों के द्वारा या खुद मिलकर भी दी जाती हैं।
आ) पाठ पढ़िए । उत्तर दीजिए।
प्रश्न 1.
वाक्यों को जोड़कर सही वाक्य लिखिए ।
उत्तर:
क. बापूजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन चल रहा था ।
ख. आजकल हमारे भारत के इतिहास का निर्माण हो रहा है।
ग. साधारण पुरुष वीर और स्त्रियाँ वीरांगनाएँ बन सकती हैं।
घ. हम तो सभी काम दिन के उजाले में करते हैं।
प्रश्न 2.
गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिरिवा!
एक बार मेरे पिताजी श्रवण की पितृभक्ति’ नामक पुस्तक खरीद कर लाये। मैंने उसे बडे चाव से पढ़ा । उन दिनों बाइस्कोप में तस्वीर दिखानेवाले लोग आया करते थे । तभी मैंने अपने माता-पिता को बहंगी पर बिठाकर ले जानेवाले श्रवण कुमार का चित्र भी देखा । इन बातों का मेरे मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा । मन-ही-मन मैंने ठान लिया कि मैं भी श्रवण की तरह बनूँगा।
मैंने ‘सत्य हरिश्चन्द्र’ नाटक भी देखा था । बार-बार उसे देखने की इच्छा होती । हरिश्चन्द्र के सपने आते । यह बात मेरे मन में बैठ गयी | चाहे हरिश्चन्द्र की भाँति कष्ट क्यों न उठाना पड़े, पर सत्य को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
प्रश्न 1.
सेवाभाव की प्रेरणा महात्मा गाँधी को कैसे मिली ?
उत्तर:
”श्रवण की पितृभक्ति”‘ नामक पुस्तक पढने पर महात्मा गाँधी को सेवा भाव की प्रेरणा मिली ।
प्रश्न 2.
सत्य की प्रेरणा महात्मा गाँधी को किससे मिली?
उत्तर:
जब महात्मा गाँधी ने ‘सत्य हरिश्चन्द्र’ नाटक देखा था तभी उसे सत्य की प्रेरणा मिली ।
प्रश्न 3.
इस गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?
उत्तर:
गाँधी और उनकी सत्य की प्रेरणा।
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न 1.
पत्रों की हमारे जीवन में क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
- हमारे मानव के दैनिक जीवन में पत्रों की बड़ी भूमिका है।
- पत्रों के द्वारा हम एक दूसरे के योग – क्षेम समाचार आदि जान लेते हैं।
- एक दूसरे से प्राप्त परिचय को पक्का बनने का ये मुख्य साधन हैं।
- एक प्रदेश के भौगोलिक, राजनीतिक तथा अन्य परिस्थितियाँ पत्रों के माध्यम से हमें मालूम होते हैं।
- पत्र सांस्कृतिक तथा सामाजिक एकता के बढ़ाने के साधन हैं।
- पत्रों के द्वारा एक- दूसरे में उनके प्रति श्रद्धा, प्रेम, विश्वास तथा भक्ति भावना बढ़ता है।
प्रश्न 2.
अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
- अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमें निरंतर कार्य करना चाहिए।
- हमें एक प्रणाली (योजना) बनाकर अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए निरंतर यत्न करते रहना चाहिए।
- हमें अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कभी भी आलस्य न रहना चाहिए।
- अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हम में असीम उत्साह होना चाहिए।
- हमें अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परस्पर सहयोग लेते रहना चाहिए।
- निरंतर अभ्यास से हम अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर सकेंगे।
- हमें अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बड़ों की, माता – पिता की और गुरुजनों की सलाह भी लेना चाहिए।
प्रश्न 3.
“मैं और तुम बहुत भाग्यशाली हैं।” नेहरू जी ने ऐसा क्यों कहा होगा?
(या)
नेहरूजी ने अपने को और इंदिरा जी को क्यों भाग्यशाली माना है?
उत्तर:
सन् 1930 के समय हमारे भारत के इतिहास का निर्माण हो रहा था । बापू ने भारतवासियों के दुःखों को दूर करने के लिए आंदोलन छेडा ।
ऐसा महत्वपूर्ण आंदोलन का अपनी आँखों के सामने होना और उसमें इनके भाग लेना आदि विषयों को महान समझकर नेहरू जी ने ऐसा कहा |
आ) पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिरिवाए।
उत्तर:
यह “पत्र लेखन” पाठ है। इसे नैनी जेल से 26 अक्तूबर, 1930 को श्री जवाहर लाल नेहरू जी ने अपनी बेटी इंदिरा के नाम पर लिखा।
इंदिरा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में पिता नेहरू जी उसे जन्म दिन की शुभकामनाएँ बताते हुए इस पत्र को लिखते हैं। एक महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए असीम उत्साह के साथ रहने का संदेश नेहरू जी इंदिरा को देते हैं। उसे वीरांगना बनने का आदेश तथा संदेश देते हैं।
बापू जी के द्वारा छेडे गये स्वतंत्र आंदोलन तथा भारत देश के इतिहास का निर्माण के बारे में बताते हैं। नेहरू जी अपनी बेटी को पत्र में यह भी बताते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन उनकी आँखों के सामने होते रहने के कारण वे बहुत भाग्यशाली हैं। इस महान आंदोलन में उनके कर्तव्य के बारे में बताते हैं। क्या करें और क्या न करें के बारे में बताते हैं। गलत काम न करने का संदेश देते हैं। बहादुर बनने का संदेश देते हैं। भारत की सेवा के लिए बहादुर सिपाही बनने का संदेश देते हुए पत्र को समाप्त करते हैं।
इ) बहादुरी से संबंधित कोई छोटी सी कहानी लिरिवाए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले में ताजपुर एक छोटा – सा रेलवे स्टेशन है। रेलवे लाइन के पास से अक्षय कुमार नामक एक छात्र अपना कॉलेज जा रहा था। अचानक उसकी दृष्टि रेल की पटरी पर पड़ी। उसने देखा कि एक जगह पर कुछ दूर तक रेल की पटरी उखड़ी हुई थी। उसने उसके पास जाकर गौर से देखा। ‘फ़िश – प्लेटों’ के हटाये जाने से वहाँ एक भयानक खतरा पैदा हो गया था।
अक्षय कुमार के सामने एक यात्री – गाड़ी तेज़ी से चली आ रही थी। उसने चारों ओर देखा । दूर तक कोई भी आदमी नहीं था। वह बहुत परेशान हो गया । बेचारे की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। केवल कुछ ही क्षण बाकी थे सैकड़ों आदमी मृत्यु के मुँह में जानेवाले थे । अचानक उसे एक उपाय सूझा।
अक्षय कुमार पटरियों के बीच में खड़ा होकर दोनों हाथ उठा – उठाकर हिलाने लगा। लेकिन गाड़ी पूरे वेग के साथ धड़ – धड़ करती हुई आ रही थी। अब क्या किया जाये?
अक्षय कुमार को एक नयी बात सूझ गयी। वह अपना कोट उतारकर उसे तेज़ी से हिलाने लगा। इस बार ड्राइवर ने उसे देख लिया। उसने पूरा बल लगाकर गाड़ी रोक दी। गाड़ी उसके बिलकुल पास आकर रुक गयी। इंजन तो अक्षय कुमार से दो फुट की दूरी पर आकर रुका था। लेकिन उसे अपने प्राणों की चिन्ता नहीं थी ; वह एक इंच भी पीछे नहीं हटा।
अक्षय कुमार ने गाड़ी को रोक दिया था, इससे ड्राइवर नाराज़ हो गया। वह इंजन से उतरकर लड़के के पास आया। इतने में उस गाड़ी का गार्ड भी नीचे उतर आया। तभी सबकी नज़र पटरी पर पड़ी। वहाँ तो मौत सैकड़ों लोगों की जान लेने तैयार बैठी थी। सब एक क्षण के लिए घबरा गये। ड्राइवर और गार्ड अक्षय कुमार के उस महान कार्य के लिए धन्यवाद देने लगे।
मगर अक्षय कुमार को अधिक बातचीत करने की फुरसत नहीं थी। कॉलेज में घंटी बजने का समय था और वहाँ पहुँचने में देर हो रही थी। इसलिए वह जल्दी – जल्दी वहाँ से चल पड़ा।
अक्षय कुमार की कर्तव्य – भावना और साहस से सैकड़ों लोग उस दिन मौत के मुँह से बच गये। देश ने अक्षय कुमार के इस महान गुण का अच्छा सम्मान किया। भारत के राष्ट्रपति ने इस वीर युवक को ‘अशोक – चक्र’ प्रदान किया।
ई) देश की रक्षा में तत्पर बहादुर सिपाहियों के योगदान के बारे में लिरिवाए।
उत्तर:
भूत पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री लालबहादुर शास्त्री जी ने यह नारा दिया कि “जय जवान जय किसान” यह सचमुच ठीक ही है। सिपाही (जवान) देश की रक्षा में तत्पर हैं तो किसान अन्न देता है। इसी के सहारे हम आराम से जीवन बिता रहे हैं। देश की रक्षा के लिए सिपाहियाँ धूप में, शीत में, वर्षा में, रात में, तूफ़ान में, बाढ़ में भी हर हमेशा चौबीस घंटे तत्पर रहते हैं। हमें इसके लिए उनके आभारी प्रकट करना है।
हर हमेशा सिपाही देश को विदेशी आक्रमणों से हमारी रक्षा कर रहे हैं, देश की रक्षा कर रहे हैं।
वे निरंतर पर्वतों में, रेगिस्तान में, झाडों में, आंधी में भी देश की सेवा तथा रक्षा में तत्पर हैं। उनके बिना देश नहीं और हम भी नहीं।
इस प्रकार देश की रक्षा में सिपाहियों का योगदान जो है वह बहुत मूल्यवान है।
भाषा की बात
अ) नीचे दिये गए एकवचन और बहुवचन के रूप समझिए।
आ) रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों से कीजिए । (वेद, बधाई, शुभकामनाएँ, आशीर्वाद)
1) नानी ने अपनी नवासी को जीती रहो बेटी कहकर ……… दिया |
उत्तर:
आशीर्वाद
2) आपको जन्मदिन की …………….।
उत्तर:
शुभकामनाएँ
3) खेल में आपकी जीत हुई इसके लिए आपको ……………. हो।
उत्तर:
बधाई
4) रुकावट के लिए ………… है।
उत्तर:
खेद
परियोजना कार्य
बाल अधिकार के बारे में जानकारी प्राप्त करके एक सूची बनाइए।
उत्तर:
बच्चों को जन्म के साथ न्याय सम्मत से मिली जो आवश्यकताएँ एवं ज़रूरतें होती हैं वे सब बाल अधिकार ही हैं। अंतर्राष्ट्रीय समझौताओं के अनुसार 18 साल तक के सब बाल कहें जाते हैं।
बाल अधिकार :
- जीने का अधिकार
- रक्षण (रक्षा) पाने का अधिकार
- उन्नति पाने का अधिकार (विकास पाने का अधिकार)
- भागीदारी का अधिकार
1) जीने का अधिकार :
अच्छी शिक्षा पाना, स्वास्थ्य से जीना, साफ़ पानी पाना, स्वच्छ वातावरण में जीना माता-पिता के साथ जीना, आज़ादी के साथ जीना, आदर के साथ जीना आदि।
2) रक्षण (रक्षा) पाने का अधिकार :
लिंग, वर्ण, जाति, धर्म, प्रांत आदि भेदों के बिना जीने का अधिकार बच्चों को है।
3) विकास या उन्नति का अधिकार :
शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, धार्मिक या नैतिक उन्नति का अधिकार बच्चों को दिया गया है ।
4) भागीदारी का अधिकारः
खेलों में, सांस्कृतिक कार्य कलापों में, संघों की स्थापना करने में बालों को अधिकार दिये गये हैं।
बेटी के नाम पत्र Summary in English
Central Prison, Naini
October 26, 1930
My dear Indira,
You have been in the habit of receiving presents and good wishes on your birthday. What present can I send you from Naini Prison ? But my good wishes are always with you.
You know sweet heart, how fascinated you were when you first read the story ‘Joan of Arc’ and how your ambition was to be something like her ? Ordinary men and women are not usually heroic. They think of their bread and butter, of their children, of their household worries and the like. But a time comes when a whole people become interested in a great cause. Then history helps even simple, ordinary men and women to become heroes.
In India today we are making history. Bapuji is leading a movement to get rid of the Indian’s grief. You and I both are fortunate to see this happening before our eyes and to take some part ourselves in this. There is a noble cause ahead of us. We have to do a lot to achieve it.
We should think over the following: What is our role (duty) in this great movement ? How should we participate in it? But we should be well aware that whatever we do, it shouldn’t harm our country. It’s no easy matter to decide what is right and what is not. On little test | shall ask you to apply whenever you are in doubt. Never do anything in secret or anything that you would wish to hide. For the desire to hide anything means that you are afraid, and fear is a bad thing and unworthy of you. Be brave and all the rest follows. If you do so, my dear you will group a child of the light, unafraid and serene and unruffled, whatever may happen.
You know that in our great freedom movement, under Bapuji’s leadership, there is no room for secrecy or hiding. We work in the sun and in the light. Good-bye, little one and may you grow up into a brave soldier in India’s service. This alone is my wish.
Your loving father,
Jawaharlal Nehru
बेटी के नाम पत्र Summary in Telugu
నైనీ జైలు,
26 అక్టోబరు, 1930.
ప్రియమైన ఇందిరకు,
పుట్టినరోజున నీకు ఎన్నో కానుకలు లభిస్తూ ఉన్నవి. శుభాకాంక్షలు కూడా ఇవ్వబడుచున్నవి. కానీ నేను ఈ జైల్లో కూర్చుని నీకు ఏ కానుక పంపగలను? అవును (నిజం) నా శుభాకాంక్షలు ఎల్లప్పుడూ నీతో ఉంటాయి.
నీకు గుర్తె కదా ! “జోన్ ఆఫ్ ఆర్క్” కథ నీకు ఎంత బాగా నచ్చిందో ? నీవు స్వయంగా ఆమెలానే అవ్వాలని అనుకున్నావ్ కూడా. కానీ సాధారణ స్త్రీ, పురుషులు ఇంత సాహసవంతులుగా ఉండరు (కాలేరు). వారు తమ రోజువారీ పనులు, పిల్లలపై మరియు ఇంటిపై దిగులులో చిక్కుకుపోయి ఉంటారు. కానీ ఒక గొప్ప ఉద్దేశ్య (లక్ష్య) పూర్తి కోసం ఒకానొక సమయంలో వారిలో అంతులేని ఉత్సాహం వస్తుంది. సాధారణ పురుషులు వీర పురుషులవుతారు మరియు సాధారణ స్త్రీలు వీరనారీమణులు అవుతారు.
ఈ రోజున మన భారతదేశ చరిత్ర నిర్మాణం జరుగుచున్నది. బాపూజీ భారతీయుల దు:ఖాన్ని దూరం చేయడం కోసం ఉద్యమం నడుపుతున్నారు. ఈ ఉద్యమం మన కళ్ళముందు జరుగుతున్నందున నీవు మరియు నేను ఇరువురం అదృష్టవంతులం. అంతేకాదు మనం కూడా కొంచెం దీనిలో పాల్గొంటున్నాం. ఒక గొప్ప ఉద్దేశ్యం (లక్ష్యం) మన ముందు ఉంది. దీన్ని పూరించుటకు చాలా చేయవలసి ఉన్నది.
ఇప్పుడు మనం ఆలోచించవలసినది ఏమిటంటే ఈ గొప్ప (మహా) ఉద్యమంలో మన కర్తవ్యం ఏంటి ? దీనిలో మనం ఎలా పాల్గొనాలి ? కానీ మనం ఏమి చేసినా బాగా గుర్తుంచుకోవలసిన విషయం ఏమిటంటే మనం చేసే పని నుండి మన దేశానికి హాని జరగకూడదు. ఏమి చేయాలి ? ఏమి చేయకూడదు? అని ఎన్నోసార్లు మనం సందేహంలో కూడా పడతాము. ఇది నిశ్చయించుకోవడం అంత తేలికైన పనికాదు. ఎప్పుడైనా నీకు ఇలాంటి సందేహం వచ్చినట్లయితే మంచి విషయాన్ని నిశ్చయించుకోవడం కోసం నేను ఒక చిన్న ఉపాయం చెబుతాను. ఇతరులకు తెలియకుండా దాచి పెట్టేటటువంటి ఏ పనీ నీవు చేయవద్దు. ఇతరులకు తెలియకుండా దాచిపెట్టాలనే భావన నీవు తప్పు పనులు చేస్తేనే కలుగుతుంది. నీవు ధైర్యవంతురాలివి కమ్ము. అట్లయిన అంతా సవ్యంగా జరుగుతుంది. నీవు ధైర్యవంతురాలివి అయితే నీవు భయపడే పని ఏదీ చేయవు, సిగ్గుపడే పని కూడా ఏదీ చేయవు.
బాపూజీ నాయకత్వంలో స్వతంత పోరాటం ఏదైతే జరుగుతోందో దానిలో దాచిపెట్టే విషయం ఏదీ లేదని నీకు తెలుసు కూడా. మనం అన్ని పనుల్నీ ఉదయం వెలుతురులోనే చేస్తాం. మంచిది కుమారీ. ఇక సెలవు. భారతదేశానికి సేవ చేయడం కోసం నీవు ధైర్యవంతురాలివైన సిపాయి కమ్ము. ఇదే నా మంచి కోరిక.
మీ నాన్న
జవహర్లాల్
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए।
1. ‘बेटी के नाम पत्र’ – पाठ में पत्र किसने, किसको, कहाँ से लिखा?
ज. ‘बेटी के नाम पत्र’ पाठ में श्री जवाहरलाल नेहरू जी ने पत्र को अपनी बेटी इंदिरा गाँधी के नाम नैनी जेल से लिखा।
निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए।
1. इन्दिरा गाँधी नेहरू जी की बेटी है। (रेखांकित शब्द का पुंलिंग शब्द पहचानिए।)
A) बटे
B) बेटा
C) बेट
D) बेटियाँ
उत्तर:
B) बेटा
2. तुम्हें कई उपहार मिल रहे हैं। (काल पहचानिए।)
A) भूतकाल
B) वर्तमान काल
C) भविष्यत काल
D) पूर्ण भूतकाल
उत्तर:
B) वर्तमान काल
3. जन्मदिन के अवसर पर शुभकामना दी जाती है। बहुवचन रूपी वाक्य पहचानिए।
A) जन्मदिन के अवसर पर शुभकामनें दी जाती हैं।
B) जन्मदिन के अवसर पर शुभकामनाओं दी जाती है।
C) जन्मदिन के अवसर पर शुभकामनाओं दी जाते हैं।
D) जन्मदिन के अवसर पर शुभकामनाएँ दी जाती हैं।
उत्तर:
D) जन्मदिन के अवसर पर शुभकामनाएँ दी जाती हैं।
4. बापूजी ने स्वतंत्रता आंदोलन छेडा था। (क्रिया शब्द पहचानिए।)
A) बापू
B) स्वतंत्रता
C) ने
D) छेडा था
उत्तर:
D) छेडा था
5. स्वतंत्रता आंदोलन हमारी आँकों के सामने हो रहा है। वाक्य में सर्वनाम शब्द पहचानिए।
A) आँख
B) के सामने
C) हमारी
D) स्वतंत्रता
उत्तर:
C) हमारी
6. सही क्रमवाला वाक्य पहचानिए।
A) भारत के इतिहास का निर्माण हो रहा है।
B) भारत के निर्माण इतिहास का हो रहा है।
C) इतिहास का निर्माण भारत के हो रहा है।
D) हो रहा है भारत के इतिहास का निर्माण ।
उत्तर:
A) भारत के इतिहास का निर्माण हो रहा है।
7. इंदिरा को जन्मदिन के अवसर पर उपहार मिला। (बहुवचन रूपी वाक्य पहचानिए।)
A) इंदिरा को जन्मदिन के अवसर पर उपहारें मिले।
B) इंदिरा को जन्मदिन के अवसर पर उपहार मिले।
C) इंदिरा को जन्मदिन के अवसर पर उपहाराएँ मिलीं।
D) इंदिरा को जन्मदिन के अवसर पर उपहार मिली।
उत्तर:
C) इंदिरा को जन्मदिन के अवसर पर उपहाराएँ मिलीं।
8. हम तो सभी काम दिन ……. उजाले में करते | है। उचित कारक चिह्न पहचानिए।
A) का
B) के
C) की
D) को
उत्तर:
B) के
9. मेरी शुभकामना सदा तुम्हारे साथ रहेंगी। (बहुवचन रूपी वाक्य पहचानिए।)
A) मेरी शुभ कामनों सदा तुम्हारे साथ रहेंगी।
B) मेरी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ रहेंगी।
C) मेरी शुभ कामनाओं सदा तुम्हारे साथ रहेगी।
D) मेरी शुभकामनायाँ सदा तुम्हारे साथ रहेंगी।
उत्तर:
B) मेरी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ रहेंगी।
10. जन्मदिन पर उपहार मिलते हैं। रेखांकित शब्द का अर्थ पहचानिए|
A) वस्तु
B) भेंट
C) उपहास
D) माला
उत्तर:
B) भेंट
11. तुम बहादुर सिपाही बनो। इस वाक्य में सर्वनाम शब्द पहचानिए!
A) बहादुर
B) तुम
C) सिपाही
D) बनो
उत्तर:
B) तुम
अर्थग्राह्यता – प्रतिक्रिया
पठित – गद्यांश
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
1. साधारण पुरुष तथा स्त्रियाँ इतने साहसी नहीं होते। वे तो अपने प्रतिदिन के कामों, बाल – बच्चों तथा घर की चिंताओं में ही फंसे रहते हैं। परंतु एक समय ऐसा आ जाता है कि किसी महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी लोगों में असीम उत्साह भर जाता है। साधारण पुरुष वीर बन जाते हैं और स्त्रियाँ वीरांगनाएँ।
प्रश्न :
1. साधारण पुरुष तथा स्त्रियाँ किसमें फँसे रहते हैं?
उत्तर:
साधारण पुरुष तथा स्त्रियाँ अपने प्रतिदिन के कामों, बाल – बच्चों तथा घर की चिंताओं में फँसे रहते हैं।
2. महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी लोगों में क्या भर जाता है?
उत्तर:
महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी लोगों में असीम उत्सीह भर जाता है।
3. साधारण पुरुष क्या बन जाते हैं?
उत्तर:
साधारण पुरुष, वीर बन जाते हैं।
4. इतने साहसी कौन नहीं होते?
उत्तर:
साधारण पुरुष तथा स्त्रियाँ इतने साहसी नहीं होते।
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश “बेटी के नाम पत्र” नामक पाठ से लिया गया है।
2. तुम्हें यह तो मालूम ही है कि बापू जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता का जो आंदोलन चलाया जा रहा है। उसमें छिपा रखने जैसी कोई बात नहीं है। हम तो सभी काम दिन के उजाले में करते हैं। अच्छा बेटी। अब विदा। ।
भारत की सेवा के लिए तुम बहादुर सिपाही बनो, यही मेरी शुभकामना है।
प्रश्न :
1. किसके नेत्रत्व में स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया जा रहा है?
उत्तर:
बापूजी ने नेत्रुत्व में स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया जा रहा है।
2. हम तो सभी काम कब करते हैं?
उत्तर:
हम तो सभी काम दिन के उजाले में करते हैं।
3. इंदिरा के प्रति नेहरू जी की शुभकामना क्या है?
उत्तर:
इंदिरा के प्रति नेहरूजी की शुभकामना यही है कि ”भारत की सेवा के लिए बहादुर सिपाही बनना”।
4. “बापूजी” कौन है?
उत्तर:
बापूजी महात्मा गाँधीजी है।
5. उपर्युक्त वाक्यों को किसने किसे लिखा ?
उत्तर:
उपर्युक्त वाक्यों को नेहरू जी ने अपनी बेटी इंदिरा को लिखा।
3. आजकल हमारे भारत के इतिहास का निर्माण हो रहा है। बापू ने भारतवासियों के दुखों को दूर करने के लिए आंदोलन छेड़ा है। मैं और तुम बहुत ही भाग्यशाली हैं कि यह आंदोलन हमारी आँखों के सामने हो रहा है और हम भी इसमें कुछ भाग ले रहे हैं। एक महान उद्देश्य हमारे सामने है और | इसकी पूर्ति के लिए बहुत कुछ करना है।
प्रश्न :
1. आज कल किसके इतिहास का निर्माण हो रहा है?
उत्तर:
आजकल भारत देश के इतिहास का निर्माण हो रहा है।
2. नेहरू और इंदिरा गाँधी बहुत ही भाग्यशाली क्यों हैं?
उत्तर:
नेहरू और इंदिरागाँधी बहुत ही भाग्यशाली इसलिए हैं कि स्वतंत्रता का आंदोलन उनके आँखों के सामने हो रहा है। और वे भी इसमें भाग ले रहे हैं।
3. हमारे सामने क्या है?
उत्तर:
हमारे सामने एक महान उद्देश्य है।
4. भारतवासियों के दुखों को दूर करने के लिए किसने आंदोलन छेडा है?
उत्तर:
भारतवासियों के दुखों को दूर करने के लिए बापूजी (महात्मा गाँधी) ने आंदोलन छेडा है।
5. उपर्युक्त पत्रांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त पत्रांश ‘बेटी के नाम पत्र’ नामक पाठ – से लिया गया है।
अपठित – गद्यांश
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चुनकर कोष्ठक में लिखिए।
1. गाँधीजी ने एक बार कहा था – “धन गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया, मगर चरित्र गया तो सब कुछ गया।” इसका मतलब है, चरित्र ही मनुष्य की असली संपत्ति है। वही समाज श्रेष्ठ है और वही राष्ट्र सुखी है, जिसकी जनता का चरित्र अच्छा हो आज के बालक कल के नागरिक हैं। इसलिए उनके चरित्र का निर्माण करना समाज और राष्ट्र का पहला कर्तव्य है। यही कारण है कि स्कूल, कॉलेज आदि शिक्षा संस्थाएँ खोली गयी हैं। वहाँ ऐसी शिक्षा दी जाती है, जिससे लड़कों का चरित्र सुधरजाए।
प्रश्न :
1. मनुष्य की असली संपत्ति क्या है?
A) पढ़ाई
B) धन
C) चरित्र
D) गबन
उत्तर:
C) चरित्र
2. कल के नागरिक कौन है?
A) आज के बालक
B) नवयुवक
C) बूढ़े
D) ये सब
उत्तर:
A) आज के बालक
3. समाज और राष्ट्र का पहला कर्तव्य क्या है?
A) बूढ़ों के चरित्र का निर्माण करना
B) बालकों के चरित्र का निर्माण करना
C) बूढ़ियों के चरित्र का निर्माण करना
D) लडकियों के चरित्र का निर्माण करना
उत्तर:
B) बालकों के चरित्र का निर्माण करना
4. लडकों का चरित्र कहाँ सुधर जाता है?
A) घर में
B) मंदिर में
C) मसजिद में
D) स्कूल में
उत्तर:
D) स्कूल में
5. श्रेष्ठ समाज क्या है?
A) जिस समाज की जनता का चरित्र अच्छा हो
B) जिसके माँ – बाप अच्छे हो
C) जिसके दादा अच्छे हो
D) ये सब
उत्तर:
A) जिस समाज की जनता का चरित्र अच्छा हो
2. अब उतनी मज़बूत इमारतें नहीं बनतीं, जितनी प्राचीन काल में बनती थीं। इसका कारण शायद यह है कि इमारतों में छिपने से दुश्मनों से बचाव नहीं हो सकता। हवाई जहाज़ से गोले बरसाकर मज़बूत से मज़बूत किले तोडे जा सकते हैं। इसलिए आजकल के लोग इन चीज़ों को फ़िजूल समझते हैं। मकबरे वगैरह बनाने का रिवाज़ भी उड़ता जा रहा है। अगर आजकल कोई राजा पिरामिड़ जैसी चीजें बनाना शुरु करे, तो लोग उसे पागल कहेंगे।
प्रश्न :
1. प्राचीन काल के इमारतें कैसी थीं?
A) मज़बूत
B) हल्की
C) पतली
D) नाजूक
उत्तर:
A) मज़बूत
2. हवाई जहाज़ से गोले बरसाकर क्या किये जा सकते हैं?
A) किले बनाये जा सकते हैं।
B) किले तोडे जा सकते हैं ।
C) किलों पर आक्रमण किये जा सकते हैं।
D) कुछ नहीं किया जा सकता।
उत्तर:
B) किले तोडे जा सकते हैं ।
3. आज कल के लोग इन चीज़ों को क्या समझते हैं?
A) फिजूल
B) मंजिल
C) मंजूर
D) कुछ नहीं
उत्तर:
A) फिजूल
4. इन्हें बनाने का रिवाज़ उडता जा रहा है?
A) पिरमिड
B) दीवारें
C) मकबरे
D) किले
उत्तर:
C) मकबरे
5. लोग किसे पागल कहेंगे?
A) राजा लोग किले बनाने को
B) जनता पाठशालाएँ बनाये तो
C) राजा लोग कंदक बनाएँ तो
D) राजा पिरमिड जैसी चीजें बनाएँ तो
उत्तर:
D) राजा पिरमिड जैसी चीजें बनाएँ तो
3. सिद्धार्थ की बातें सुनकर देवदत्त को बड़ा गुस्सा आया। तुरंत राजदरबार में जाकर अपने चाचा शुद्धोधन से बोला – “सिद्धार्थ ने मेरा हंस ले लिया है। मुझे नहीं दे रहा है। कृपा करके मेरा हंस मुझे दिलवा दीजिए।” इतने में ही सिद्धार्थ भी हंस को छाती से चिपकाये हुए वहाँ आ पहुँचे। तब वे बोले – “ठीक है, मुझे न्याय चाहिए। मैं ने हंस को बचाया है, इसलिए वह मेरा है। मैं उसे देवदत्त को कभी नहीं दूंगा।” दोनों की बात सुनकर शुद्धोधन ने कहा – “हाँ, प्राण – घातक की अपेक्षा प्राण – रक्षक का स्थान ऊँचा है। अंत में हिंसा की हार होती है। इसलिए मेरे विचार में इस पक्षी पर सिद्धार्थ का ही अधिकार है। सिद्धार्थ, यह हंस तुम्हारा हुआ।”
प्रश्न :
1. सिद्धार्थ की बातें सुनकर किसे बड़ा गुस्सा आया?
A) देवदत्त को
B) शुद्धोदन को
C) मित्र को
D) इन सबको
उत्तर:
A) देवदत्त को
2. अंत में किसकी हार होती है?
A) अहिंसा
B) न्याय
C) अन्याय
D) हिंसा
उत्तर:
D) हिंसा
3. देवदत्त का चाचा कौन है?
A) सिद्धार्थ
B) शुद्धोदन
C) गौतम
D) रंतिदेव
उत्तर:
B) शुद्धोदन
4. प्राण घातक की अपेक्षा किसका स्थान ऊँचा है ?
A) प्राण रक्षक
B) दंड देनेवाले
C) भगवान
D) राजा
उत्तर:
A) प्राण रक्षक
5. “ठीक है, मुझे न्याय चाहिए। मैं ने हंस को बचाया है, इसलिए वह मेरा है। मैं इस देवदत्त को कभी नहीं दूंगा।” यह वाक्य किसने कहा?
A) शुद्धोधन
B) राजा
C) देवदत्त
D) सिद्धार्थ
उत्तर:
D) सिद्धार्थ
4. मनुष्य विभिन्न प्रकार के आहार खाता है। कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है। तन्दुरुस्ती से बढ़कर दूसरी संपत्ति नहीं है। शरीर को तन्दुरुस्त और चुस्त रखने के लिए विटामिनों से भरा भोजन खाने की ज़रूरत है। ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘डी’ आदि कई विटामिन हैं। विटामिन हमें खाने की चीज़ों से मिलते हैं। अलग – अलग विटामिनों की कमी से अलग – अलग बीमारियाँ पैदा होती हैं। उन – उन चीज़ों को खाने से उनकी कमी दूर हो जाती है।
प्रश्न :
1. स्वस्थता के बारे में क्या कहा जाता है?
A) स्वस्थ मस्तिष्क में स्वस्थ शरीर रहता है।
B) स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आँखें रहती हैं।
C) स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।
D) स्वस्थ मस्तिष्क में स्वस्थ विचार नहीं रहते।
उत्तर:
C) स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।
2. विटामिन हमें कहाँ मिलते हैं?
A) अस्पताल में
B) बाज़ार में
C) दवाइयों की दुकान में
D) खाने की चीज़ों में
उत्तर:
D) खाने की चीज़ों में
3. विटामिन की कमी से क्या पैदा होती है?
A) स्वास्थ्य
B) बीमारियाँ
C) सफ़ाई
D) ये सब
उत्तर:
B) बीमारियाँ
4. किससे बढ़कर दूसरी संपत्ति ही नहीं ?
A) बीमारी
B) तंदुरुस्ती
C) हवा
D) महल
उत्तर:
B) तंदुरुस्ती
5. तंदुरुस्त और चुस्त रखने के लिए कैसे भोजन खाने की ज़रूरत है?
A) विटामिनों से भरा
B) तेल से भरा
C) मैदे से भरा
D) आटे से भरा
उत्तर:
A) विटामिनों से भरा
5. सबरमती आश्रम की बात है। रात का समय था। सब गहरी नींद सो रहे थे। गाँधीजी भी सो रहे थे। लेकिन एक आश्रमवासी की नींद खुल गयी। वह जागा हुआ था ।
प्रश्न :
1. किसकी नींद खुल गई?
A) गाँधीजी की
B) एक आश्रमवासी की
C) एक चोर की
D) एक डाकू की
उत्तर:
B) एक आश्रमवासी की
2. उपर्युक्त गद्यांश में किस आश्रम की बात कही गयी ?
A) सबरमती
B) टालस्टाय
C) वृद्ध
D) इन सबकी
उत्तर:
A) सबरमती
3. किस समय के बारे में बताया गया?
A) दिन का
B) रात का
C) दुपहर का
D) शाम का
उत्तर:
B) रात का
4. उस समय गाँधीजी क्या कर रहे थे?
A) पढ़ रहे थे।
B) कहानी सुन रहे थे।
C) नहा रहे थे।
D) सो रहे थे।
उत्तर:
D) सो रहे थे।
5. कौन जागा हुआ था?
A) गाँधीजी
B) एक आश्रमवासी
C) चोर
D) ये सब
उत्तर:
B) एक आश्रमवासी
6. कला के दो भेद किये जाते हैं – एक ललितकला, दूसरी उपयोगी कला। वास्तुकला, ललितकला और उपयोगी कला, दोनों का मिश्रण है। जहाँ तक वास्तुकला मनुष्य की निवास – संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, वहाँ तक वह उपयोगी कला है, और जहाँ वास्तुकला में सौन्दर्य |- बोध और आकर्षण का नियोजन होता है, वहाँ वह ललितकला की श्रेणी में पहुँच जाती है।
प्रश्न :
1. ललितकला और उपयोगी कला ये दोनों किसके भेद हैं?
A) कला
B) समाज
C) जीवन
D) रचना
उत्तर:
A) कला
2. ललित कला और उपयोगी कला इन दोनों का मिश्रण क्या है?
A) शिल्प कला
B) वास्तुकला
C) चित्र कला
D) नृत्य कला
उत्तर:
B) वास्तुकला
3. इस अनुच्छेद में इसके बारे में बताया गया है ।
A) सिनेमा
B) नाटक
C) एकांकी
D) कला
उत्तर:
D) कला
4. कला के दो भेदों में एक उपयोगी कला है तो दूसरी क्या है?
A) ललित
B) चित्र
C) नृत्य
D) संगीत
उत्तर:
A) ललित
5. यह कला मनुष्य की निवास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है
A) नाट्यकला
B) चित्रकला
C) वास्तुकला
D) नृत्य कला
उत्तर:
C) वास्तुकला