AP Board 8th Class Hindi पत्र लेखन

AP State Syllabus AP Board 8th Class Hindi Textbook Solutions पत्र लेखन Questions and Answers.

AP State Syllabus 8th Class Hindi पत्र लेखन

1. अपने भाई के विवाह में भाग लेने के लिए पाँच दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम छुट्टी पत्र लिखिए।
उत्तर:

आलमूरु,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
आठवीं कक्षा,
यस. यस. हाईस्कूल, आलमूरु।
महोदय,

सादर प्रणाम ।

सेवा में निवेदन है कि मेरे भाई का विवाह अगले सोमवार अमलापुरम में होनेवाला है । मुझे उस विवाह में सम्मिलित होना चाहिए। इसलिए मैं पाठशाला में नहीं आ सकती । कृपया आप मुझे पाँच दिन की छुट्टी देने की कृपा करें।

आपकी आज्ञाकारी छात्रा,
पि. ज्योति,
आठवीं कक्षा,
क्रम संख्या – 1919.

AP Board 8th Class Hindi पत्र लेखन

2. अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

तेनाली,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम कुशल हो । मैं अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव का वर्णन कर रहा हूँ।

दिनांक x x x x को हमारे स्कूल का वार्षिकोत्सव बडे धूम-धाम से मनाया गया । उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे काग़ज़ से सजाये गये। फाटक पर “सुस्वागतम” टाँगी गयी। शाम के पाँच बजे सभा आरंभ हुई । बहुत से लोग वार्षिकोत्सव देखने आये। हमारे प्रधानाध्यापक अध्यक्ष बने। शिक्षा मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया । विद्यार्थियों से कार्यक्रम संपन्न हुए। विजेताओं को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई।

तुम्हारे माँ-बाप को मेरे नमस्कार बताओ | पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
के. अमरनाथ,
आठवीं कक्षा,
अनुक्रमांक – 46.

पता :
यस. मनीष लाल,
आठवीं कक्षा ‘ए’,
श्री सिद्धार्था हाईस्कूल, राजमहेन्द्री – 2.

 

3. बिजली की अच्छी व्यवस्था के लिए अधिकारियों को पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम
दि. x x x x x

प्रेषक :
सि.हेच. कोंडलराव ( अध्यापक)
जि.प. हाईस्कूल, अमलापुरम।

सेवा में,
असिस्टेन्ट इंजनीयर (आपरेषन्स)
अमलापुरम सब स्टेशन, अमलापुरम।

प्रिय महाशय,

आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि हमारे नगर में बिजली की सप्लाई अच्छी तरह नहीं हैं। हर रोज़ घंटों बिजली नहीं रहती । इससे ग्राहकों को बड़ी मुसीबत होती है। टी.वी. के कार्यक्रम नहीं देख पाते। विद्या, परीक्षा की अच्छी तैयारी नहीं कर पाते । सब तरह के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए आप बिजली की सप्लाई ठीक तरह से करवाने की कृपा करें।

भवदीय,
नं. xxx,

पता:
असिस्टेन्ट इंजनीयर
अमलापुरम सब स्टेशन,
अमलापुरम (मंडल), पू.गो. ज़िला – 533 201.

4. किसी प्रसिद्ध स्थान के बारे में वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विशाखपट्टणम,
दि. x x x x x

प्रेषक :
ऐ.सत्य सूर्य श्रीनिवास,
आठवीं कक्षा, नं. 444,
जि.प. हाईस्कूल, विशाखपट्टणम |

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ सकुशल हूँ। हमारी परीक्षाएँ इसी महीने में शुरू होगी । मैं मन लगाकर खूब पढ़ रहा हूँ। पिछले सप्ताह अपने स्कूल के कुछ छात्रों के साथ तिरुपति देखने गया । हम रेल गाड़ी से गये। हमारे साथ हमारे दो अध्यापक भी आये। हम सब तिरुपति के देवस्थान की धर्मशाला में ठहरे | भगवान बालाजी के दर्शन करके हम आनंद विभोर हो गये।

वहाँ पर हम दो दिन रहे। तिरुपति में हमने कोदंडराम स्वामी का मंदिर, गोविंदराज स्वामी का मंदिर पापनाशनम, आकाशगंगा आदि देखें । उसके बाद मंगापुरम तथा श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय भी देखें। पिताजी को मेरे प्रणाम,

प्रिय मित्र,
ए. सत्य सूर्य श्रीनिवास।

पता :
के. रामप्रसाद,
हाईस्कूल रोड, अमलापुरम।

5. आवश्यक पुस्तकें खरीदने केलिए पैसे माँगते हुए पिता के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

ताडिकोंडा,
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।

मैं यहाँ कुशल हूँ। सोचता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ रहा हूँ। परीक्षाओं के लिए खूब तैयारी कर रहा हूँ। मुझे यहाँ कुछ आवश्यक किताबें खरीदनी हैं। इसलिए ₹ 500/- एम. ओ द्वारा भेजने की कृपा करें। माताजी को मेरे प्रणाम कहना।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,
XXXX.

पता :
के. रवि,
3 – 6 – 31/3,
एस.बी.ए. वीधि,
रेपल्ले।

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6. आपके नगर में पुस्तक प्रदर्शनी लगी हुई है। उसे देख आने के लिए एक दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विनुकोंडा,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
आठवीं कक्षा,
जड. पी. हाईस्कूल,
विनुकोंडा।

सादर प्रणाम,

मैं आप की पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। अपने नगर में पुस्तक प्रदर्शनी लगी हुई है। मैं कल इसे देखने जाना चाहता हूँ। इसलिए कृपया कल x x x x को सिर्फ एक दिन की छुट्टी देने प्रार्थना कर रहा हूँ।
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र
x x x x x

7. ग्रीष्मावकाश व्यतीत करने के विषय का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिये।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

साइ कुमार,
यहाँ मैं सकुशल हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र मुझे नहीं मिला | इस साल मैं ने ग्रीष्मावकाश बेंगलूर में बिताया | उस शहर के मल्लेश्वरम में हमारी माताजी रहती हैं। गरमी के मौसम में बेंगलूर का वातावरण ठंडा रहता है। वहाँ पेडों की हरियाली आँखों को आराम देती है।

बेंगलूर सचमुच एक सुन्दर नगर है। सुन्दर मकान, साफ़-सुथरी सडकें और सुहाने बाग बगीचे नगर की शोभा बढ़ाते हैं। मैं रोज़ वहाँ के लाल बाग में घूमने जाता हूँ। सिटी मार्केट में अच्छा बाज़ार लगता है। वहाँ पर कई रेशम के कारखाने हैं।

पिताजी का पत्र पाकर मुझे वहाँ से आ जाना पड़ा | बेंगलूर छोडकर आते हुए मुझे चिंता हुई । अपने माता-पिता से मेरे नमस्कार कहो।

तुम्हारा मित्र,
ऐ.यस.वी. प्रसाद।

पता:
यस. साइ कुमार,
पिता : विजय, सीतम्मधारा,
विशाखपट्टणम – 13.

8. अपने सहपाठियों के साथ आप किसी ऐतिहासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय छोटे भाई,
आशीश,

तुम्हारा पत्र अभी मिला, पढकर खुश हुआ क्योंकि घर के समाचार प्राप्त हुए हैं। तुम जानते हो कि हम कुछ विद्यार्थी इस महीने की पहली तारीख को कश्मीर की यात्रा पर गये । हम विजयवाडा से तमिलनाडु एक्सप्रेस से दिल्ली गये। दिल्ली में दो दिन ठहरे । वहाँ से हम जम्मू तक रेल से गये। जम्मूतावी से हम सब श्रीनगर पहुंचे। रास्ते के दृश्य अत्यंत मनोहर हैं। हम श्रीनगर में एक होटल में ठहरे।। मौसम बडा सुहावना था । वहाँ पर हमने डलझील, शंकराचार्य मंदिर, निशांत बाग, शालिमार बाग आदि देखें। बाकी बातें घर आकर सुनाऊँगा।

तुम्हारा प्यारा भाई,
आर.यस.कुमार,
आठवीं कक्षा ‘ए’
जि.प.हाईस्कूल,
विजयवाडा ।

पता :
आर. रामाराव,
पिता : गोपालराव, .
गाँधीनगर, काकिनाडा।

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9. आपके नगर में वैज्ञानिक प्रदर्शनी लगी हुई है। उसे देख आने के लिए एक दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

गुंटूर,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
आठवीं कक्षा,
मुन्सिपल हाईस्कूल,
गुंटूर।

सादर प्रणाम

मैं आपकी पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ! गुंटूर नगर में गुंटाग्रौड्स में एक वैज्ञानिक प्रदर्शनी चली रही है।

मैं भी कल उस प्रदर्शनी देखने जाना चाहता हूँ। इसलिए आप मुझे कल एक दिन की छुट्टी देने प्रार्थना कर रहा हूँ।
धन्यवाद,

आपका,
आज्ञाकारी छात्र
x x x x x x

10. किसी ऐतिहासिक स्थान का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए|
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. xxxxx

प्यारे मित्र श्रीनिवास,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मुख्यतः मैं ऐतिहासिक यात्रा पर हैदराबाद जाकर कल ही लौट आया हूँ। हैदराबाद एक ऐतिहासिक नगर है। हैदराबाद तेलंगाणा की राजधानी नगर भी हैं। हम हैदराबाद में चारमीनार, नेहरू जुलाजिकल पार्क, गोलकोंडा, उस्मानिया विश्वविद्यालय, शासन सभा भावन, चौमहल्ला पैलेस, बेगमपेट विमान केंद्र, एन.टी.आर, गार्डेन्स आदि देख लिये।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी हैदराबाद आगामी छुट्टियों में देख सकते हो।
बड़ों को मेरा नमस्कार,

तुम्हारे प्यारे मित्र,
वेणु गोपाल,
विजयवाडा।

पता :
के. कुमार,
पिता : के. मल्लेश,
घर नंबर 20-30-40
विष्णालयम वीधि,
दाचेपल्लि।
गुंटूर जिला।

11. हिन्दी सीखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपने दोस्त (मित्र) के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

सुरेश कुमार, तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ । मैं अगले फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी सीखने में बहुत आसानी भाषा है। वह हमारे भारत की राष्ट्र भाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। अगर हम उत्तर भारत में कही भी जाएँ तो हिन्दी की उपयोगिता समझ में आयेगी। वहाँ अंग्रेज़ी या किसी भी दूसरी भाषा से काम नहीं चलता | हिन्दी नहीं जानते तो हम वहाँ एक अजनबी रह जायेंगे। इसलिए तुमसे भी मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो। आशा है कि तुम समय-समय पर पत्र लिखा करोगे।

तुम्हारा,
प्रिय मित्र,
ऐ.श्रीनिवास

पता:
सुरेश कुमार,
आठवीं कक्षा ‘बी’,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
काकिनाडा।

12. तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विलसा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र साई,

मैं यहाँ. कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल विजयवाडा में एक बड़ी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।

इस प्रदर्शिनी में सैकड़ों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी ‘जैन्टवील’ है। हवाई जहाज़, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बडे आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं।

परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी मैं ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x

पता:
यस.यस.साई,
आठवीं कक्षा,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
अमलापुरम, पू.गो. ज़िला।

13. तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं हैं । स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

उरवकोंडा,
दि. x x x x x

प्रेषक:
साईबाबा यस,
S/o. लालशाह,
मैंनेजर, स्टेट बैंक आफ इंडिया,
उरवकोंडा।

सेवा में,
श्रीमान् स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
उरवकोंडा।

मान्य महोदय,

आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे गाँव में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सड़कों पर कूडा-करकट जमा रहता है। नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ़ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन रहे हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था की जाय”|

भवदीय,
नं. x x x x

पता:
स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
उरवकोंडा।

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14. तुम्हारे पिताजी की बदली हुई है। टी.सी., सी.सी., यस.सी. के लिए प्रधानाध्यापक जी को पत्र लिखिए।
उत्तर:

आलमूरु,
दि. x x x x x

आदरणीय प्रधानाध्यापक जी,

मैं आठवीं कक्षा (बी) का विद्यार्थी हूँ। मेरा नंबर 42 है। मेरे पिताजी की बदली नेल्लूर को हुई है। इसलिए मेरे टी.सी. (Transfer Certificate) (सी.सी.) (Conduct Certificate) और एस.सी. (Study Certificate) यथाशीघ्र दिलाने की कृपा करें। मैं नेल्लूर की पाठशाला में भर्ती होना चाहता हूँ।

आपका विनम्र विद्यार्थी,
नं. – 142
पी. ज्योति,
आठवीं कक्षा ‘बी’.

पता:
श्रीमान् प्रधानाध्यापक जी,
यस.यस. हाईस्कूल, आलमूरु।

15. विहार यात्रा पर जाने के लिए पैसे व अनुमति माँगते हुए पिता जी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

गुडिवाडा,
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ सकुशल है। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।

हाँ, पिताजी, हमारी पाठशाला के आठवीं कक्षा के सारे छात्र विहार यात्रा पर जाने वाले हैं। आप कृपया मुझे भी जाने की अनुमति देते हुए इस के लिए ₹ 500/- भेजने की प्रार्थना कर रहा हूँ।
माता जी को मेरा नमस्कार,
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी पुत्र,
पी. बसवन्ना,
गुडिवाडा।

पता :
पी. रमणय्या
घर – 20 – 15 – 10,
तिरुपतम्मा मंदिर वीधि,
इंचपेट, विजयवाडा।

16. अपने मामा के विवाह में जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाधापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री प्रधानाधापक जी,
हिंदु हाईस्कूल,
विजयवाडा।

सादर प्रणाम,

मैं आपकी पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। ता. xxxx को मेरे मामा की शादी तिरुपति में होनेवाली है। इसलिए इस में भाग लेने के लिए मुझे कृपया तीन दिन ता. xxxxx से xxxx तक छुट्टी देने की प्रार्थना। धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र,
संजय. के,
आठवीं कक्षा

17. ‘दशहरे’ का महत्व बताते हुए छोटे भाई को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय भाई श्रीकर,
आशिष

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि आप सब सकुशल हैं। एक हफ्ते के पहले मैं दशहरे की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ ‘दशहरा’ बडे धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ का कनकदुर्गा मंदिर प्रसिद्ध है। हर रोज़ कनकदुर्गा के नये – नये अलंकार किये जाते हैं। दशहरे के समय दूर – दूर से कई यात्री आते हैं। वे कृष्णा नदी में स्नान करते हैं। दुर्गा माता का दर्शन करते हैं। रात के समय मंदिर रंग बिरंगे विद्युत दीपों से सजाया जाता है। उस समय की शोभा निराली होती है।

विजयवाडे में गाँधी पहाड पर नक्षत्रशाला भी है। तुम दशहरे की छुट्टियों में यहाँ आओ। हम दोनों बडे आनंद के साथ समय बिता सकेंगे। माता – पिता को मेरे प्रणाम कहना | पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा बड़ा भाई,
x x x x x

पता:
चिरंजीवि श्रीकर,
दसवी कक्षा,
एस.एस. हाई स्कूल,
आलमूरु, पू.गो. जिला

18. बीमार बहन को धीरज बंधाते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्यारी बहन सुशी को,
आशीर्वाद।

मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। आज ही घर से पत्र आया है कि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है। अस्पताल में पाँच दिन रहकर घर आयी हो। इस समाचार से मैं दुखी हूँ। लेकिन क्या करेंगे? जीवन में सुख – दुख को समान रूप से भोगना पडता है। तुम समय पर दवा लेने से और डॉक्टर साहब के ‘कहने के अनुसार नियम पालन करने से जल्दी ही चंगी हो जाओगी। स्वस्थ होकर जल्दी स्कूल • जाओगी। इसकी चिंता न करना। खुशी से रहो। तुम्हारी बीमारी दूर हो जोएगी। माँ – बाप को प्रणाम। छोटे बाई को प्यार।

तुम्हारा बड़ा भाई,
x x x x

पता :
श्री. सुशी,
पिता. पि. रामय्या जी,
गाँधीनगर,
काकिनाडा।

19. कल रात से आपको बुखार है। दो दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

तेनाली,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
मुन्सिपल बाईस हाईस्कूल,
तेनाली।

सादर प्रणाम,

मैं आपकी पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। मुझे कल रात से बुखार आया। डाक्टरों ने दो दिन आराम लेने की सलाह दी। इसलिए कृपया मुझे ता. xxxx और xxxxx दो दिन छुट्टी देने के लिए प्रार्थना कर रहा हूँ।

धन्यवाद सहित,

आप का आज्ञाकारी छात्र,
के. रमण
आठवीं कक्षा,

20. अपने द्वारा की गई शैक्षिक यात्रा का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

जग्गय्यपेट,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र रामु,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मेरी पाठशाला की ओर से एक शैक्षणिक यात्रा पर हम हैदराबाद गये। हैदराबाद से हम कल ही लौट आये।

हैदराबाद भाग्यनगर है। यह तेलंगाणा की राजधानी है। यह बडा देखने लायक नगर है। हम हैदराबाद में एक सप्ताह ठहरे। . हम हैदराबाद में चारमीनार, गोलकोंडा, नेहरू जुलाजिकल पार्क, सालरजंग म्यूजियम, बिर्लामंदिर, बेगमपेट विमान केंद्र, शासन सभा भवन, हाईकोर्ट भवन उस्मानिया विश्व विद्यालय आदि देखें।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी हैदराबाद आगामी छुट्टियों में अवश्य देखते हो।
बडों को मेरा नसस्कार,

तुम्हारे प्यारे मित्र,
मधुसूदन,
जग्गयपेट।

पता :
टी. रामू,
पिता : गोपीनाथ
घरनंबर: 40-40-26,
शिवालयम वीधि,
कर्नूला।

AP Board 8th Class Hindi पत्र लेखन

21. अपने परिवार के साथ पुस्तक प्रदर्शनी देखने जाना है। अनुमति माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

माचा
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
आठवीं कक्षा,
जड. पी. हाईस्कूल,
माचर्ला

सादर प्रणाम,

मैं अपनी पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। मेरा नाम के. राजेश है। मैं अपने परिवार के साथ कल गुंटूर पुस्तक प्रदर्शनी देखने जा रहा हूँ। इसलिए मैं कल x x x x को छुट्टी देते मुझे अनुमति देने की प्रार्थना।

आपका आज्ञाकारी छात्र,
के. राजेश,
आठवीं कक्षा,
जि.प. हाईस्कूल,
माचर्ला।

22. मनपसंद त्यौहार का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

गुडिवाडा,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र गणेश,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मैं अब की बार इस पत्र में मन पसंद त्यौहार ‘दीवाली’ का वर्णन कर रहा हूँ।

दीवाली हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह हर साल आश्वयुजमास के अमावास्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग बहुत सबेरे ही उठते हैं। सिरोस्नान करते हैं। नये – नये वस्त्र पहनते हैं। अच्छे – अच्छे ‘पकवान बनाते हैं।

इस दिन लोग धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। बच्चे इस दिन बड़ी खुशियाँ मनाते हैं। शाम को घरों में सड़कों पर, मंदिरों में दीप जलाते हैं। नरकासुर नामक राक्षस को श्रीकृष्ण सत्यभामा समेत युद्ध करके मार डाला। इस उपलक्ष्य में भी दीवाली मानते हैं। रात को अतिशबाजी होती है। पटाखें जलाते हैं। खुशियाँ मनाते हैं।
माता – पिता को मेरा नमस्कार बताना।

तुम्हारे प्यारे मित्र,
के. सतीष

पता :
पि. गणेश,
पिता : गोपाल राव
गाँधीनगर, काकिनाडा।