AP Board 9th Class Hindi पत्र लेखन

AP State Syllabus AP Board 9th Class Hindi Textbook Solutions पत्र लेखन Questions and Answers.

AP State Syllabus 9th Class Hindi पत्र लेखन

1. अपने भाई के विवाह में भाग लेने के लिए पाँच दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम छुट्टी पत्र लिखिए।
उत्तर:

आलमूरु,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
नौवीं कक्षा,
यस. यस. हाईस्कूल, आलमूरु।

महोदय,

सादर प्रणाम ।

सेवा में निवेदन है कि मेरे भाई का विवाह अगले सोमवार अमलापुरम में होनेवाला है । मुझे उस विवाह में सम्मिलित होना चाहिए। इसलिए मैं पाठशाला में नहीं आ सकती । कृपया आप मुझे पाँच दिन की छुट्टी देने की कृपा करें।

आपकी आज्ञाकारी छात्रा,
पि. ज्योति,
नौवीं कक्षा,
क्रम संख्या – 1919.

2. अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

तेनाली,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम कुशल हो । मैं अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव का वर्णन कर रहा हूँ। दिनांक x x x x को हमारे स्कूल का वार्षिकोत्सव बडे धूम-धाम से मनाया गया । उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे काग़ज़ से सजाये गये। फाटक पर “सुस्वागतम” टाँगी गयी। शाम के पाँच बजे संभा आरंभ हुई । बहुत से लोग वार्षिकोत्सव देखने आये। हमारे प्रधानाध्यापक अध्यक्ष बने। शिक्षा मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया । विद्यार्थियों से कार्यक्रम संपन्न हुए। विजेताओं को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई। तुम्हारे माँ-बाप को मेरे नमस्कार बताओ | पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा प्रिय मित्र, के. अमरनाथ,
नौवीं कक्षा,
अनुक्रमांक – 46.

पता :
यस. मनीष लाल,
नौवीं कक्षा ‘ए’,
श्री सिद्धार्था हाईस्कूल, राजमहेन्द्री – 2.

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3. किसी पुस्तक विक्रेता के नाम पर आवश्यक पुस्तकें माँगते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:

काकिनाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
क्र.सं. 25 नौवीं कक्षा ‘बी’,
जि.प. हाईस्कूल, काकिनाडा।
सेवा में,
व्यवस्थापक जी, पुस्तक विक्रय विभाग,
वी.जि.यस. स्टोर्स, अमलापुरम।

प्रिय महोदय,

निम्न लिखित पुस्तकें ऊपर दिये गये पते पर वी.पी.पी. के द्वारा यथा शीघ्र भेजने की कृपा करें। पेशगी ₹ 1500 भेज रहा हूँ।
आवश्यक पुस्तकों की सूची :
1) सरल हिन्दी व्याकरण भाग – 1 …………. 6 प्रतियाँ
2) हिन्दी तेलुगु कोश …………. 4 प्रतियाँ
3) हिन्दी रचना भाग – 2 …………… 3 प्रतियाँ

आपका विश्वसनीय,
x x x,
क्रम संख्या – 25

पता :
श्री व्यवस्थापक जी,
पुस्तक विक्रय विभाग,
वी.जि.यस. स्टोर्स,
अमलापुरम।

4. बिजली की अच्छी व्यवस्था के लिए अधिकारियों को पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम
दि. x x x x x

प्रेषक :
सि.हेच. कोंडलराव (अध्यापक)
जि.प. हाईस्कूल, अमलापुरम।
सेवा में,
असिस्टेन्ट इंजनीयर (आपरेषन्स)
अमलापुरम सब स्टेशन, अमलापुरम।
प्रिय महाशय,

आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि हमारे नगर में बिजली की सप्लाई अच्छी तरह नहीं हैं। हर रोज़ घंटों बिजली नहीं रहती । इससे ग्राहकों को बड़ी मुसीबत होती है। टी.वी. के कार्यक्रम नहीं देख पाते। विद्या, परीक्षा की अच्छी तैयारी नहीं कर पाते । सब तरह के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए आप बिजली की सप्लाई ठीक तरह से करवाने की कृपा करें।

भवदीय,
नं. x x x,

पता :
असिस्टेन्ट इंजनीयर
अमलापुरम सब स्टेशन,
अमलापुरम (मंडल), पू.गो. ज़िला – 533 201.

5. किसी प्रसिद्ध स्थान के बारे में वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विशाखपट्टणम,
दि. x x x x x

प्रेषक :
ऐ.सत्य सूर्य श्रीनिवास,
नौवीं कक्षा , नं. 444,
जि.प. हाईस्कूल, विशाखपट्टणम ।
प्रिय मित्र,

मैं यहाँ सकुशल हूँ। हमारी परीक्षाएँ इसी महीने में शुरू होगी | मैं मन लगाकर खूब पढ़ रहा हूँ। पिछले सप्ताह अपने स्कूल के कुछ छात्रों के साथ तिरुपति देखने गया । हम रेल गाड़ी से गये। हमारे साथ हमारे दो अध्यापक भी आये। हम सब तिरुपति के देवस्थान की धर्मशाला में ठहरे । भगवान बालाजी के दर्शन करके हम आनंद विभोर हो गये।

वहाँ पर हम दो दिन रहे। तिरुपति में हमने कोदंडराम स्वामी का मंदिर, गोविंदराज स्वामी का मंदिर पापनाशनम, आकाशगंगा आदि देखें । उसके बाद मंगापुरम तथा श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय भी देखें। पिताजी को मेरे प्रणाम,

प्रिय मित्र,
ए. सत्य सूर्य श्रीनिवास।

पता :
के. रामप्रसाद,
हाईस्कूल रोड, अमलापुरम।

6. ग्रीष्मावकाश व्यतीत करने के विषय का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिये।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,
साइ कुमार,

यहाँ मैं सकुशल हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र मुझे नहीं मिला | इस साल मैं ने ग्रीष्मावकाश बेंगलूर में बिताया । उस शहर के मल्लेश्वरम में हमारी माताजी रहती हैं। गरमी के मौसम में बेंगलूर का वातावरण ठंडा रहता है। वहाँ पेडों की हरियाली आँखों को आराम देती है।

बेंगलूर सचमुच एक सुन्दर नगर है। सुन्दर मकान, साफ़-सुथरी सडकें और सुहाने बाग बगीचे नगर की शोभा बढ़ाते हैं। मैं रोज़ वहाँ के लाल बाग में घूमने जाता हूँ। सिटी मार्केट में अच्छा बाज़ार लगता है। वहाँ पर कई रेशम के कारखाने हैं।

पिताजी का पत्र पाकर मुझे वहाँ से आ जाना पडा | बेंगलूर छोडकर आते हुए मुझे चिंता हुई । अपने माता-पिता से मेरे नमस्कार कहो।

तुम्हारा मित्र,
ऐ.यस.वी. प्रसाद।

पता:
यस. साइ कुमार,
पिता : विजय, सीतम्मधारा,
विशाखपट्टणम – 13.

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7. अपने सहपाठियों के साथ आप किसी ऐतिहासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय छोटे भाई,
आशीश,

तुम्हारा पत्र अभी मिला, पढकर खुश हुआ क्योंकि घर के समाचार प्राप्त हुए हैं। तुम जानते हो कि हम कुछ विद्यार्थी इस महीने की पहली तारीख को कश्मीर की यात्रा पर गये । हम विजयवाडा से तमिलनाडु एक्सप्रेस से दिल्ली गये। दिल्ली में दो दिन ठहरे । वहाँ से हम जम्मू तक रेल से गये। जम्मूतावी से हम सब श्रीनगर पहुँचे। रास्ते के दृश्य अत्यंत मनोहर हैं। हम श्रीनगर में एक होटल में ठहरे।। मौसम बडा सहावना था | वहाँ पर हमने डलझील, शंकराचार्य मंदिर, निशांत बाग, शालिमार बाग आदि देखें। बाकी बातें घर आकर सुनाऊँगा।

तुम्हारा प्यारा भाई,
आर.यस.कुमार,
नौवीं कक्षा ‘ए’
जि.प.हाईस्कूल,
विजयवाडा ।

पता :
आर. रामाराव,
पिता : गोपालराव,
गांधीनगर, काकिनाडा।

8. हिन्दी सीखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपने दोस्त (मित्र) के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,
सुरेश कुमार,

तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ | मैं अगले फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी सीखने में बहुत आसानी भाषा है। वह हमारे भारत की राष्ट्र भाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। अगर हम उत्तर भारत में कही भी जाएँ तो हिन्दी की उपयोगिता समझ में आयेगी। वहाँ अंग्रेज़ी या किसी भी दूसरी भाषा से काम नहीं चलता | हिन्दी नहीं जानते तो हम वहाँ एक अजनबी रह जायेंगे। इसलिए तुमसे भी मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो। आशा है कि तुम समय-समय पर पत्र लिखा करोगे।

तुम्हारा,
प्रिय मित्र,
ऐ.श्रीनिवास

पता :
सुरेश कुमार,
नौवीं. कक्षा ‘बी’,
जि.प्र.प.हाईस्कूल, काकिनाडा।

9. तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विलसा,
x x x x

प्रिय मित्र साई,

मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल विजयवाडा में एक बडी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।

इस प्रदर्शिनी में सैकडों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी ‘जैन्टवील’ है। हवाई जहाज़, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बड़े आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं।

परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी मैं ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
xxxx

पता :
यस.यस.साई,
नौवीं कक्षा,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
अमलापुरम, पू.गो. ज़िला।

10. तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं हैं । स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

उरवकोंडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
साईबाबा यस,
S/o. लालशाह,
मैंनेजर, स्टेट बैंक आफ़ इंडिया,
उरवकोंडा।
सेवा में,
श्रीमान् स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
उरवकोंडा।
मान्य महोदय,

आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे गाँव में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सड़कों पर कूडा-करकट जमा रहता है। नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ़ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन रहे हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था की जाय”|

भवदीय,
नं. x x x x

पता :
स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
उरवकोंडा।

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11. तुम्हारे पिताजी की बदली हुई है। टी.सी., सी.सी., यस.सी. के लिए प्रधानाध्यापक जी को पत्र लिखिए।
उत्तर:

आलमूरु,
दि. x x x x x

आदरणीय प्रधानाध्यापक जी,

मैं नौवीं कक्षा (बी) का विद्यार्थी हूँ। मेरा नंबर 42 है। मेरे पिताजी की बदली नेल्लूर को हुई है। इसलिए मेरे टी.सी. (Transfer Certificate) (सी.सी.) (Conduct Certificate) और एस.सी. (Study Certificate) यथाशीघ्र दिलाने की कृपा करें। मैं नेल्लूर की पाठशाला में भर्ती होना चाहता हूँ।

आपका विनम्र विद्यार्थी,
नं. – 142
पी. ज्योति,
नौवीं कक्षा ‘बी’.

पता :
श्रीमान् प्रधानाध्यापक जी,
यस.यस. हाईस्कूल, आलमूरु।

12. अपने मित्र को पत्र लिखकर तुम्हारे देखे हुए किसी भी मैच का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र गोपाल साई,

मैं यहाँ कुशल हूँ। समझता हूँ कि तुम कुशल हो । मैं ने हाल ही में विशाखापट्टणम में एक क्रिकेट मैच देखा है। उसके बारे में मैं लिख रहा हूँ।

मैच में भाग लेने के लिए दो टीम आये। इंडिया और इंग्लैंड के बीच में स्पर्धा चली। दोनों टीम के खिलाडी बड़े उत्साह के साथ खेल रहे थे। भारत के खिलाडी बैटिंग कर रहे थे। विराट कोह्ली ने चार छक्के चलाये। धोनि ने पचास रन किये | 420 रन पर हमारे सभी खिलाडी आऊट हो गये हैं।

इंग्लैंड के खिलाडी उतनी उत्साह के साथ नहीं खेल सके। 275 रन पर सबके सब खिलाडी आऊट हो गये। इससे भारत के खिलाडी विजयी घोषित हुए। खेल बडे आनंद और उत्साह के साथ चला। हम अपने दोस्तों सहित बाहर आये | बाकी अगले पत्र में। माताजी से मेरा प्रणाम कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
डि.मूर्ति,
नौवीं कक्षा ‘ए’,
मोडल हाईस्कूल, विजयवाडा।

पता :
यस. गोपाल साई,
नौवीं कक्षा,
गान्धी हैस्कूल,
विलसा, पू.गो. ज़िला

13. अपने पिताजी को पत्र लिखकर पंद्रह सौ रुपये मँगवाइए।
उत्तर:

अनंतपूर,
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ आप सब कुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।

अगले सप्ताह हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थी तिरुपति की यात्रा करनेवाले हैं। हमारे दो अध्यापक भी हमारे साथ आ रहे हैं । हम बालाजी के दर्शन करने के बाद मद्रास भी जाना चाहते हैं। मैं भी आपकी अनुमति पाकर उनके साथ जाना चाहता हूँ। इसलिए ₹ 1500 एम.ओ. करने की कृपा कीजिए। माताजी को मेरे प्रणाम कहिए।

आपका प्रिय पुत्र,
नं. xxx

पता :
जी.रामप्रसाद जी,
डो.नं. 9 – 1 -84,
उरवकोंडा, अनंतपूर ज़िला।

14. तुम्हारी साइकिल की चोरी हुई है। दारोगा साहब के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
न. x x x x,
जि.प.उ. पाठशाला,
विजयवाड़ा – 520 004.
सेवा में,
श्रीमान दारोगा साहब,
वन टउन पुलिस स्टेशन,
विजयवाड़ा – 520 001.
प्रिय महाशय,

मेरा निवदेन है कि मैं कल शाम हिमालय होटल के सामने अपनी साइकिल रखकर चाय पीने अंदर गया। उसे ताला लगाना भूल गया। मैं चाय पीकर बाहर आया। लेकिन वहाँ साइकिल नहीं दिखाई पड़ी। मैंने वहाँ के लोगों से सइकिल के बारे में पुछताछ की । लेकिन साइकिल का पता नहीं चला | मेरी साइकिल ‘अम्बर’ की है। उसका रंग काला है। उसका नंबर – 345861 है । वह बिलकुल नयी सी लगती है। उसमें मिल्लर लाईट लगा है। अतः उसका पता लगाकर उसे दिलवाने की कृपा कीजिए।

आपका विश्वसनीय,
नं. x x x x.

पता :
दारोगा साहब,
वन टउन पुलिस स्टेशन,
विजयवाड़ा – 520 001.

15. अपने मित्र को पोंगल की छुट्टियों में आने का आमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:

चेन्नाइ,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ कुशल हो। अगले हफ़ते से हमारी पोंगल की छुट्टियाँ शुरू हो जायेंगीं। मैं इस पत्र के द्वारा मुख्य रूप से तुम्हे आमंत्रित कर रहा हूँ। हमारे नगर में पोंगल का उत्सव बडे धूमधाम से मनाया जायेगा। यहाँ विशेष मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यहीं नहीं हमारे नगर में देखने लायक स्थान अनेक हैं। इसलिए तुम ज़रूर आना।

तुम्हारे माँ – बाप से मेरे प्रणाम कहो । तुम्हारे भाई को मेरा आशीर्वाद कहना । तेरे आगमन की प्रतीक्षा करता हूँ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
नं. x x x x x

पता :
आर. सुरेश कुमार,
नौवीं कक्षा ‘डी’.
नलन्दा विद्यालय,
एन. आर. पेटा,
गूडूरु।

AP Board 9th Class Hindi पत्र लेखन

16. बहिन की शादी में जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

तणुकु,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री प्रधानाध्यापक जी,
जिला परिषद हाइस्कूल,
तणुकु।
सादर प्रणाम,

मैं आप की पाठशाला में नौवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। मेरा नाम गणेश है।

मेरी बहिन की शादी ता. xxxx को राजमहेंद्रवरम में होनेवाली है। इसलिए कृपया मुझे ता. xxxx से xxxxx तक तीन दिन की छुट्टी देने के लिए प्रार्थना कर रहा हूँ।
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र,
के. किरण,
नौवीं कक्षा,

17. विहारयात्रा पर जाने के लिए अनुमति एवं पैसे माँगते हुए पिताजी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

तिरुपति
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। मैं आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ सकुशल हैं।

हम सब अपनी पाठशाला की ओर से विहारयात्रा पर विशाखपट्टणम जा रहे हैं। हमारे नौवीं कक्षा के छात्रों के साथ मैं भी जाना चाहती हूँ। इसलिए कृपया मुझे जाने की अनुमति के सथ इसके लिए आवश्यक ₹ 500 जरूर भेजने की प्रार्थना।
माताजी को मेरा नमस्कार,

आपकी
आज्ञाकारी पुत्री,
के. विमला

पता :
के. मोहन प्रसाद,
घर – 15 – 20 – 30,
एस. बी. ऐ. वीधि,
श्रीकालहस्ति।

18. हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है। इस बात को समझाते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

ताडेपल्लि,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र मुकुंदम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। तुमने अपने पत्र में पूछ लिया कि हिंदी का क्या महत्व है? मैं इस का समाधान दे रहा हूँ।

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। भारत देश में लगभग 18 राज्यों में हिंदी बोली जाती है। देश भर में करोड़ों लोगों की भाषा हिंदी ही है। देश में इसे जाननेवाले, बोलने वाले अधिक हैं। हिंदी राज भाषा भी है। हिंदी सीख लोगों ते देश मर में कहीं भी हम धूम कर लौट सकेंगे। कहीं भी रह सकेंगे। यह आसानी भाषा भी है। हर दिन सितंबर 14 को हम हिंदी भाषा दिवस मनाते है।
तुम भी हिंदी सीखो। घर में बड़ों को मेरा नमस्कार।

तुम्हारे प्यारे मित्र,
अनिल,
ताडेपल्लि।

पता :
पी. मुकुंदम,
पिता रमणय्या
घर – 20 – 20 – 30,
रथम बजार, पेराला।

19. अपने जन्मदिन के अवसर पर निमंत्रण देते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

तेनाली,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र रफ़ी,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

13 अक्तूबर को मेरा जन्म दिन है। यह तुम भले ही जानते हो। इस अवसर पर हमारे घर में 13 वीं तारीख को जन्म दिन दिवस मनाया जाता है। इस के लिए मैं तुझे निमंत्रण कर रहा हूँ। तुम अवश्य माँ – बाप के साथ आना।
घर में बड़ों को मेरा नमस्कार,

तुम्हारा प्यारा मित्र,
वेणु,
तेनाली

पता :
एस. के रफी,
पिताः मुनाफ
मसजिद वीधि,
पुराना बाजार,
गुंटूर।

20. खेल मानव जीवन का अनोखा अंग है। खेलों का महत्व समझाते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

मंगलगिरि,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र विनय,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। मुझे खेलों में कई ईनाम मिले।

मैं इस पत्र में तुझे बताना चाहता हूँ कि खेल हमारे जीवन का अनोखा अंग है।

हमें खेलों से एकता का भाव मिलता है। खेलों से हमें तंदुरुस्त मिलता है। खेलों से हमें भाईचार का भावना मिलती है। इनसे प्रेम भावना बढ़ती है। स्नेह भावना बढ़ती है। खेलों से एकता की भावना जागृत होती है। खेलों से अनुशासन मिलता है। खेलों से शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी हमेशा खेलों में भाग लेते रहोगे।
बडों को मेरा नमस्कार।

तुम्हारे प्यारे मित्र,
बी. माधव

पता:
एस. विनय,
पिता : राकेश,
घर – 30-10-30,
स्टेट बैंक गली,
कोत्तपेट, तेनाली।

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21. पेय जल पाठशाला तक नहीं पहुंच रहा है। शिकायत करते हुए मुनिसिपल कमीशनर के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

रेपल्ले,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री मुनिसिपल कमीशनर,
रेपल्ले।
सादर प्रणाम,

मैं मुनिसिपल हाईस्कूल रेपल्ले में पढ़ रहा हूँ। मैं नौवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। कुहा दिनों से आप के नगर पालिका के द्वारा बाँटे पेयजल हमें नही मिल रहे हैं। इसलिए पाठशाला के छात्रों को पीने का पानी न मिलने के कारण बड़ी असुविधा हो रही है। इसलिए पत्र पाते ही हमें पेय जल का प्रबंध शीघ्र करे।
धन्यवाद सहित,

आपका विश्वसा भाजन,
रामगोपाल;
नौवीं कक्षा।